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5555555555555555555555555 ॐ उच्चत्तेणं पण्णत्ता। १०८. जोइसियाणं देवाणं भवधारणिज्जा सरीरगा उक्कोसेणं सत्त रयणीओ म उडे उच्चत्तेणं पण्णत्ता। १०९. सोहम्मीसाणासे णं कप्पेसु देवाणं भवधारणिज्जा सरीरगा उक्कोसेणं ॐ सत्त रयणीओ उ8 उच्चत्तेणं पण्णत्ता।
१०६. भवनवासी देवों के भवधारणीय (स्वाभाविक शरीर) शरीरों की उत्कृष्ट ऊँचाई सात हाथ ॐ की है। १०७. वाण-व्यन्तर देवों के भवधारणीय शरीरों की उत्कृष्ट ऊँचाई सात हाथ की है।
१०८. ज्योतिष्क देवों के भवधारणीय शरीरों की उत्कृष्ट ऊँचाई सात हाथ की है। १०९. सौधर्म और ॐ ईशानकल्प के देवों के भवधारणीय शरीरों की उत्कृष्ट ऊँचाई सात हाथ की है।
106. The utkrisht (maximum) height of the bhavadharaniya sharira (incarnation sustaining body) of Bhavan-vasi devas (abode dwelling gods) is seven cubits. 107. The utkrisht (maximum) height of the bhavadharaniya sharira (incarnation sustaining body) of Vanavyantar
devas (interstitial gods) is seven cubits. 108. The utkrisht (maximum) * height of the bhavadharaniya sharira (incarnation sustaining body) of
Jyotishk devas (stellar gods) is seven cubits. 109. The utkrisht
(maximum) height of the bhavadharaniya sharira (incarnation si sustaining body) of Saudharma and Ishan kalp is seven cubits. ॐ नन्दीश्वर द्वीप-पद NANDISHVAR DVEEP-PAD (SEGMENT OF NANDISHVAR DVEEP)
११०. णंदीस्सरवरस्स णं दीवस्स अंतो सत्त दीवा पण्णत्ता, तं जहा-जंबुद्दीवे, धायइसडे, ॐ पोक्खरवरे, वरुणवरे, खीरवरे, घयवरे, खोयवरे। १११. णंदीसरवरस्स णं दीवस्स अंतो सत्त
समुद्दा पण्णत्ता, तं जहा-लवणे, कालोदे, पुक्खरोदे, वरुणोदे, खीरोदे, घओदे, खोओदे। म ११०. नन्दीश्वर द्वीप के अन्तराल (मध्य) में सात द्वीप हैं-(१) जम्बूद्वीप, (२) धातकीषण्ड, ॐ (३) पुष्करवर, (४) वरुणवर, (५) क्षीरवर, (६) घृतवर और (७) क्षोदवर द्वीप। [जम्बूद्वीप से 卐 आठवां द्वीप नन्दीश्वर द्वीप है। यह अन्य द्वीपों की अपेक्षा विशेष रमणीय है]। १११. नन्दीश्वर द्वीप है के अन्तराल में सात समुद्र हैं-(१) लवणसमुद्र, (२) कालोद, (३) पुष्करोद, (४) वरुणोद, (५) क्षीरोद, ॐ (६) घृतोद और क्षोदोदसमुद्र। + 110. There are seven dveeps (continents) in the antaral (gap or
middle) of Nandishvar dveep--(1) Jambu dveep, (2) Dhatakikhand, (3) Pushkaravar, (4) Varunavar, (5) Ksheeravar, (6) Ghritavar and (7) Kshaudavar. [Nandishvar dveep is the eighth from Jambu dveep. It is more attractive than other continents ] 111. There are seven samudras (seas) in the antaral (gap or middle) of Nandishvar dveep—(1) Lavan samudra, (2) Kalod, (3) Pushkarod, (4) Varunod, (5) Ksheerod, (6) Ghritod and (7) Kshaudod.
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स्थानांगसूत्र (२)
(328)
Sthaananga Sutra (2)
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