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में श्रेष्ठ और अदम्य शत्रुओं का भी दमन करने वाला आयुधरत्न है । (९) छत्ररत्न - यह सामान्य या 5 साधारण काल में धूप, वर्षा, हवा से बचाता है, किन्तु अकस्मात् वर्षाकाल होने पर चक्रवर्ती के हाथ का स्पर्श पाकर बारह योजन लम्बे-चौड़े सारे स्कन्धावार के ऊपर फैलकर धूप और हवा-पानी से सबकी रक्षा करता है । (१०) चर्मरत्न - प्रवास काल में बारह योजन लम्बे-चौड़े छत्र के नीचे प्रातःकाल बोये गये शालि-धान्य के बीजों को मध्याह्न में उपभोग योग्य बना देने में यह समर्थ होता है । (११) मणिरत्न - यह तीन कोण और छह अंश वाला मणि प्रवास या युद्धकाल में रात्रि के समय चक्रवर्ती के सारे कटक में 5 प्रकाश करता है तथा वैताढ्यगिरि की तमिस्रा और खण्डप्रपात गुफाओं से निकलते समय हाथी के सिर 5 के दाहिनी ओर बाँध देने पर सारी गुफाओं में प्रकाश फैल जाता है। (१२) काकिणीरत्न - यह आठ सौवर्णिक प्रमाण, चारों ओर से सम होता है । सर्व प्रकार के विषों का प्रभाव दूर करता है। 5 (१३) खङ्गरत्न - यह अप्रतिहत शक्ति और अमोघ प्रहार वाला होता है । (१४) दण्डरत्न - यह वज्रमय दण्ड शत्रु - सैन्य का मर्दन करने वाला, विषम भूमि को सम करने वाला और सर्वत्र शान्ति स्थापित करने वाला रत्न है। (-प्रवचन सारोद्धार भाग-२, द्वार २१२ गाथा १२१४ से १७)
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Elaboration-The best thing in its particular class is called ratna (gem). The aforesaid things belonging to a Chakravarti are best in their respective class. As Chakra, Chhatra and other things of the first list are made from the bodies of one sensed earth-bodied beings, they are called ekendriya ratna.
The origin of Chakra, Chhatra, Dand and Asi is in the armoury of the Chakravarti. Charma, Mani and Kakini ratna appear in his treasury (Shrigriha). The human gems – Senapati, Grihapati, Vardhaki and 5 5 Purohit—are born in the capital of the Chakravarti. The animal gems, 5 horse and elephant, are born in the valley of Vaitadhya mountain. Stree ratna is born in Vidyadhar range north of Vaitadhya mountain. The qualities of these gems are as follows
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The size of the ekendriya ratnas-Chakra, Chhatra and Dand are vyaam sized (distance between tips of outstretched hands ). Charma 5 ratna is two cubits long. Asi is 32 Anguls (width of a finger) long, Mani is four Anguls long and two Anguls wide. The Kakini ratna is four Anguls long. These dimensions of the ratnas are in Atmanguls (width of fingers of the owner or the specific Chakravarti).
सप्तम स्थान
(1) Senapati ratna — He is the commander-in-chief of the Chakravarti. 5 He conquers every foe and is unconquerable. (2) Grihapati ratna – He is of the household of Chakravarti and ensures that palace the manager
stores have abundant supplies of grains and other thing. (3) Vardhaki ratna-He is the head of the workshop and an expert engineer skilled in
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Seventh Sthaan
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