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ॐ
४५. षड्जग्राम की आरोह-अवरोह, या उतार-चढ़ाव रूप सात मूर्च्छनाएँ हैं-(१) मंगी, (२) कौरवीया, (३) हरित्, (४) रजनी, (५) सारकान्ता, (६) सारसी, (७) शुद्ध षड्जा।
४६. मध्यमग्राम की सात मूर्च्छनाएँ हैं-(१), उत्तरमन्दा, (२) रजनी, (३) उत्तरा, (४) उत्तरायता, (५) अश्वक्रान्ता, (६) सौवीरा, (७) अभिरूद्गता।
४७. गान्धार ग्राम की सात मूर्च्छनाएँ हैं-(१) नन्दी, (२) क्षुद्रिका, (३) पूरका, (४) शुद्धगान्धारा, (५) उत्तरगान्धारा, (६) सुष्टुतर आयामा, (७) उत्तरायता कोटिमाः।
45. The Shadj gram (scale) has seven Murchchhanas (modulations) (1) Mangi, (2) Kauraviya, (3) Harit, (4) Rajani, (5) Sarakanta, (6) Sarasi, and (7) Shuddha Shadja. ___46. The Madhyam gram (scale) has seven Murchchhanas (modulations)-(1) Uttaramanda, (2) Rajani, (3) Uttara, (4) Uttarayata, (5) Ashvakranta, (6) Sauvira, and (7) Abhirudgata.
47. The Gandhar gram (scale) has seven Murchchhanas (modulations)-(1) Nandi, (2) Kshudrika, (3) Purima, (4) Shuddha Gandhara, (5) Uttara Gandhara, (6) Sushtutar-ayama, and (7) Uttarayata-korima. ४८. (प्रश्न) सत्त सरा कतो संभवंति ? गीतस्स का भवति जोणी ?
कतिसमया उस्साया ? कति वा गीतस्स आगारा ?॥१॥ (उत्तर) सत्त सरा णाभीतो, भवंति गीतं च रुण्णजोणीयं।
पदमसया ऊसासा, तिण्णि य गीयस्स आगारा॥२॥ आइमिउ आरंभता, समुबहता य मझगारंमि। अवसाणे य झवेंता. तिण्णि य गेयस्स आगारा॥३॥ छद्दोसे अट्ठगुणे, तिण्णि य वित्ताइं दो य भणितीओ।
जो णाहिति सो गाहिइ, सुसिक्खिओ रंगमज्झमि॥४॥ (छह दोष) भीतं दुतं रहस्सं, गायतो मा य गाहि उत्तालं।
काकस्सरमणुणासं च होंति गेयस्स छद्दोसा ॥५॥ (आठ गुण)
पुण्णं रत्तं च अलंकियं च वत्तं तहा अविघुटुं। मधुरं समं सुललियं, अट्ठ गुणा होति गेयस्स॥६॥ उर-कंठ-सिर-विसुद्धं, च गिज्जते मयउ-रिभिअ-पदबद्धं । समतालपदुक्खेवं, सत्तसरसीहरं गेयं ॥७॥
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| स्थानांगसूत्र (२)
(300)
Sthaananga Sutra (2)
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