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smell. (5) One who encourages his worship and respect. (6) One who
indulges in an activity even after branding it as faulty (savadya). (7) One
who does not do what he says.
केवलि - पद KEVALI-PAD (SEGMENT OF OMNISCIENT)
29. A Kevali (omniscient ) is recognized by seven sthaans (activities) —
(1) One who does not harm or destroy life or living beings. (2) One who
does not tell a lie (mrisha). (3) One who does not take a thing without
२९. सत्तर्हि ठाणेहिं केवली जाणेज्जा, तं जहा - णो पाणे अइवाइत्ता भवति । [ णो मुसं वइत्ता भवति । णो अदिणं आदित्ता भवति । णो सद्दफरिसरसरूवगंधे आसादेत्ता भवति । णो पूयासक्कारं अणुवूत्ता भवति । इमं सावज्जंति पण्णवेत्ता णो पडिसेवेत्ता भवति ] | जहावादी तहाकारी यावि भवति । २९. सात स्थानों (कारणों) से केवली जाना जाता है - ( १ ) जो प्राणियों का घात नहीं करता है।
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(२) जो मृषा नहीं बोलता है । (३) जो अदत्त वस्तु को ग्रहण नहीं करता है । (४) जो शब्द, स्पर्श, रस, फ्र
रूप और गन्ध का आस्वादन नहीं लेता है । (५) जो पूजा और सत्कार का अनुमोदन नहीं करता है। 5 (६) जो 'यह सावद्य है' ऐसा कह कर उसका प्रतिसेवन नहीं करता है। (७) जो जैसा कहता है, वैसा 卐 करता है।
गोत्र - पद GOTRA-PAD (SEGMENT OF CLAN NAME) ३०. सत्त मूलगोत्ता पण्णत्ता, तं जहा
कासवा, गोतमा, वच्छा, कोच्छा, कोसिआ, मंडवा, वासिट्ठा ।
३०. मूल गोत्र सात हैं- (१) काश्यप, (२) गौतम, (३) वत्स, (४) कुत्स, (५) कौशिक, (६) माण्डव, (७) वाशिष्ठ ।
फ being given (adattadan). (4) One who does not enjoy sound, touch, taste,
5 form, and smell (5) One who does not encourage his worship and 5 respect. (6) One who does not indulge in an activity after branding it as 5 faulty (savadya). (7) One who does what he says.
विवेचन - किसी एक महापुरुष से उत्पन्न हुई वंश-परम्परा को गोत्र कहते हैं। प्रारम्भ में सूत्रोक्त के सात मूल गोत्र थे । कालान्तर में उन्हीं से अनेक उत्तर गोत्र भी उत्पन्न हो गये । सातो मूल गोत्रों का उदाहरण सहित परिचय इस प्रकार है
(१) काश्यपगोत्र - मुनिसुव्रत और अरिष्टनेमि जिनको छोड़कर शेष बाईस तीर्थंकर, सभी चक्रवर्ती (क्षत्रिय), सातवें से ग्यारहवें गणधर (ब्राह्मण) और जम्बूस्वामी (वैश्य) आदि सभी काश्यप गोत्रीय थे।
स्थानांगसूत्र (२)
30. There are seven mool gotra (original clan names ) – ( 1 ) Kaashyap, 5 (2) Gautam, (3) Vatsa, (4) Kutsa (5) Kaushik, (6) Mandava and 5 (7) Vaashisht.
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Sthaananga Sutra (2)
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