________________
ममममममममममममम))))))))))))5555555
26. Samsthan (structure or shape of matter) is of seven kinds(1) deergh (large or rectangular) samsthan, (2) hrasva (short or small) samsthan, (3) vritta (circular) samsthan, (4) tryasra or trikone (triangular) samsthan, (5) chaturasra or chatushkone (square or quadrangular) samsthan, (6) prithul (elongated) samsthan and (7) parimandal (oval like an egg or flattened like an orange) samsthan.
u听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 55hhhhhhhhhh
भयस्थान-पद BHAYA-PAD (SEGMENT OF FEAR)
२७. सत्त भयट्ठाणा पण्णत्ता, तं जहा-इहलोगभए, परलोगभए, आदाणभए, अकम्हाभए, वेयणभए, मरणभए, असिलोगभए।
२७. भय के स्थान सात हैं-(१) इहलोकभय-इस लोक में मनुष्य तिर्यंच आदि से होने वाला भय। अथवा स्वजातीयप्राणी से उत्पन्न भय, (२) परलोकभय-परलोक सम्बन्धी भय। अथवा विजातीय प्राणी से उत्पन्न भय। (३) आदानभय-सम्पत्ति आदि के अपहरण का भय। (४) अकस्माद्भय-अचानक या अकारण होने वाला भय। (५) वेदनाभय-रोग-पीड़ा आदि का भय। (६) मरणभय-मरने का भय। म (७) अश्लोकभय-अपकीर्ति का भय।
27. There are seven sthaans (reasons) of fear-(1) Ihalok bhaya-fear of animals or humans in this world or that of beings of same species. (2) Paralok bhaya-fear related to the other world (next birth) or that from beings of other species. (3) Aadan bhaya--fear of loosing wealth. (4) Akasmat bhayasudden or causeless fear. (5) Vedana bhaya-fear of ailment or pain. (6) Maran bhaya-fear of death. (7)Ashlok bhaya-fear of infamy.
3555555555555555555555555555555555555555555555555
छद्मस्थ-पद CHHADMASTH-PAD (SEGMENT OF THE UNRIGHTEOUS)
२८. सत्तहिं ठाणेहिं छउमत्थं जाणेज्जा, तं जहा-पाणे अइवाएत्ता भवति। मुसं वइत्ता भवति। अदिण्णं आदित्ता भवति। सद्दफरिसरसरूवगंधे आसादेत्ता भवति। पूयासक्कारं अणुव्हेत्ता भवति। इमं सावजंति पण्णवेत्ता पडिसेवेत्ता भवति। णो जहावादी तहाकारी यावि भवति।
२८. सात स्थानों से छद्मस्थ जाना जाता है-(१) जो प्राणियों का घात करता है। (२) जो मृषा क (असत्य) बोलता है। (३) जो अदत्त (बिना दी) वस्तु को ग्रहण करता है। (४) जो शब्द, स्पर्श, रस, रूप 1 और गन्ध का आस्वाद लेता है। (५) जो अपने पूजा और सत्कार का अनुमोदन करता है। (६) जो ‘यह + सावध (सदोष) है', ऐसा कहकर भी उसका प्रतिसेवन करता है। (७) जो जैसा कहता है, वैसा नहीं करता। ॥
___28. A chhadmasth (unrighteous person) is recognized by seven sthaans (activities) (1) One who harms or destroys life or living beings. (2) One who tells a lie (mrisha). (3) One who takes a thing without being given (adattadan). (4) One who enjoys sound, touch, taste, form, and
FF
सप्तम स्थान
(291)
Seventh Sthaan
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org