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Elaboration-According to the commentator (Vritti) kshudra means lowly or worthless. There are two reasons for this-(1) None of these reincarnates from divine genus and (2) none of these gets liberated after one reincarnation. (Vritti leaf 347)
गोचरचर्या - पद GOCHAR-CHARYA PAD (SEGMENT OF MOVING FOR ALMS)
६९. छव्विहा गोयरचरिया पण्णत्ता, तं जहा - पेडा, अद्धपेडा, गोमुत्तिया, पतंगवीहिया, फ्र संबुक्कावट्टा, गंतुंपच्चागता ।
६९. गोचर - चर्या छह प्रकार की है - ( १ ) पेटा - पेटी की तरह गाँव के चार विभाग करके गोचरी करना । (२) अर्धपेटा - गाँव के दो विभाग करके गोचरी करना । (३) गोमूत्रिका - घरों की आमने-सामने वाली दो पंक्तियों में कभी दाएँ से बाएँ कभी बाएँ से दाएँ आते-जाते गोचरी करना । (४) पतंगवीथिका - फ्र पतंगा की उड़ान के समान बिना क्रम के एक घर से गोचरी लेकर एकदम दूरवर्ती घर से गोचरी लेना । (५) शम्बूकावर्त्ता - शंख के आवर्त (गोलाकार) के समान घरों का क्रम बनाकर गोचरी लेना । (६) गत्वा - प्रत्यागता - प्रथम पंक्ति के घरों में क्रम से आद्योपान्त गोचरी करके द्वितीय पंक्ति के घरों में क्रमश: फ्र गोचरी करते हुए वापस आना। (ये छहों अभिग्रह विशेष के भेद हैं)
महानरक - पद MAHANARAK-PAD (SEGMENT OF WORST HELL)
७०. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए छ अवक्कंतमहाणिरया पण्णत्ता, तं जहा -लोले, लोलुए, उद्दड्डे, णिद्दड्डे जरए, पज्जरए । ७१. चउत्थीए णं पंकप्पभाए पुढवीए छ अवक्कंतमहाणिरया पण्णत्ता, तं जहा- आरे, वारे, मारे, रोरे, रोरुए, खाडखडे ।
७०. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के दक्षिण भाग में इस रत्नप्रभा पृथ्वी (प्रथम नरक) में छह अपक्रान्त (अति निकृष्ट) महानरक हैं, जैसे- (१) लोल, (२) लोलुप, (३) उद्दग्ध, (४) निर्दग्ध,
स्थानांगसूत्र (२)
69. Gochar-charya (moving for alms) is of six kinds-(1) Peta-to divide the village in four parts like a box and move about to seek alms. (2) Ardhapeta-to divide the village in two parts and move about to seek alms. (3) Gomutrika-to move about to seek alms in a row of facing houses sometimes from left to right and sometimes from right to left. (4) Patangavithika-- to seek alms at random, like the flight of a moth, first from one house and then from a distant. (5) Shambukavartato 5 seek alms from houses in a hypothetically spiral arrangement. ( 6 ) Gatvapratyagata-to seek alms in order from all houses in the first row while going and then from houses in the second row while returning. (All these six are included in special resolves)
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Sthaananga Sutra (2)
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