________________
(2) The same one-sensed being leaving the state of one-sensed beings 4 reincarnates in the genus of either one-sensed beings, two-sensed beings, 4 three-sensed beings, four-sensed beings or five-sensed beings.
206. and 207. In the same way two-sensed beings also have five kinds of gatis (reincarnation to) and five aagatis (reincarnation from).... and so on up to... all beings up to five-sensed ones have five kinds of gatis (reincarnation to) and five aagatis (reincarnation from). जीव-पद JIVA-PAD (SEGMENT OF BEINGS)
२०८. पंचविधा सव्वजीवा पण्णत्ता, तं जहा-कोहकसाई, (माणकसाई, मायाकसाई), लोभकसी, अकसाई। ____ अहवा-पंचविधा सव्वजीवा पण्णत्ता, तं जहा-णेरइया, (तिरिक्खजोणिया, मणुस्सा), मदेवा, सिद्धा। म २०८. सर्व जीव पाँच प्रकार के होते हैं-(१) नारक, (२) तिर्यंच, (३) मनुष्य, (४) देव, (५) सिद्ध।
208. All beings are of five kinds (1) naarak (infernal beings), (2) tiryanch (animals), (3) manushya (human beings), (4) deva (divine
beings) and (5) Siddhas (liberated beings). ॐ योनिस्थिति-पद YONISTHITI-PAD (SEGMENT OF PRODUCTIVE LIFE)
__ २०९. अह भंते ! कल-मसूर-तिल-मुग्ग-मास-णिप्फाव-कुलत्थ-आलिसंदगम सतीण-पलिमंथगाणं-एतेसि णं धण्णाणं कुट्ठाउत्ताणं (पल्लाउत्ताणं मंचाउत्ताणं मालाउत्ताणं
ओलित्ताणं लित्ताणं लंछियाणं मुद्दियाणं पिहिताणं) केवइयं कालं जोणी संचिट्टति? म गोयमा ! जहण्णेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं पंच संवच्छराइं। तेण पर जोणी पमिलायति, तेण ॐ परं जोणी पविद्धंसति, तेणं परं जोणी विद्धंसति, तेण परं बीए अबीए भवति। तेण परं जोणी
वोच्छेदे पण्णत्ते। म २०९. (प्रश्न) भगवन् ! मटर, मसूर, तिल, मूंग, उड़द, निष्पाव (सेम), कुलथी, चवला, तूवर
और काला चना-इन धान्यों को कोठे में गुप्त (बन्द), पल्य में, मचान में और माल्य में बन्द करके उनके ॐ द्वारों को ढक देने पर, गोबर से लीप देने पर, चारों ओर से लीप देने पर, रेखाओं से लांछित कर देने + पर, मिट्टी से मुद्रित कर देने पर और भलीभाँति से सुरक्षित रखने पर उनकी योनि (उत्पादक-शक्ति)
कितने काल तक बनी रहती है ? म (उत्तर) गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त काल तक और उत्कृष्ट पाँच वर्ष तक उनकी उत्पादक शक्ति बनी
रहती है। उसके पश्चात् उनकी योनि म्लान हो जाती है, योनि विध्वस्त हो जाती है, योनि क्षीण हो जाती फ़ है, बीज अबीज हो जाता है, (पाँच वर्ष) पश्चात् योनि का विच्छेद हो जाता है।
GF听听听听听听听听听听听听FFFFF听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听F55555
85555听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听
स्थानांगसूत्र (२)
(202)
Sthaananga Sutra (2) |
日历历历步步步步步步步步步步步步步步步牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org