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158. In Samayakshetra (area of human habitation or Adhai Dveep) 45 there are five Bharat and five Airavat areas. In the same way all description of all things mentioned in the second lesson of the fourth Sthaan should be read here.... and so on up to... There are five Mandar and five Mandar Chulikas in Samayakshetra. The only difference being that there is no Ikshukar mountain here.
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अवगाहना-पद AVAGAHANA-PAD (SEGMENT OF HEIGHT)
१५९. उसभे णं अरहा कोसलिए पंच धणुसताई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्था। १६०. भरहे णं है राया चाउरंतचक्कवट्टी पंच धणुसताई उटुं उच्चत्तेणं होत्था। १६१. बाहुबली णं अणगारे [पंच ॐ धणुसताई उठं उच्चत्तेणं होत्था ]। १६२. बंभी णं अज्जा [पंच धणुसताई उठं उच्चत्तेणं होत्था ] म १६३. [ सुंदरी णं अज्जा पंच धणुसताई उठं उच्चत्तेणं होत्था ]। म १५९. कौशलिक (कोशल देश में उत्पन्न हुए) अर्हन्त ऋषभदेव पाँच सौ धनुष (चार हाथ का एक
धनुष) ऊँचे थे। १६०. चातुरन्त चक्रवर्ती भरत राजा पंचम सौ धनुष ऊँचे थे। १६१. अनगार बाहुबली पाँच सौ धनुष ऊँचे थे। १६२. आर्या ब्राह्मी पाँच सौ धनुष ऊँची थीं। १६३. आर्या सुन्दरी पाँच सौ धनुष ऊँची थीं।
159. Kaushalik (born in Kaushal country) Arhant Risabhadeva was five hundred Dhanush tall (one Dhanush is four cubits). 160. Chaturant
Chakravarti King Bharat was five hundred Dhanush tall. 161. Anagar 4 Bahubali was five hundred Dhanush tall. 162. Arya Bra
five hundred Dhanush tall. 163. Arya Sundari was five hundred Dhanush tall. विबोध-पद VIBODH-PAD (SEGMENT OF AWAKENING)
१६४. पंचहिं ठाणेहिं सुत्ते विबुज्झेज्जा, तं जहा-सद्देणं, फासेणं, भोयणपरिणामेणं, णिद्दक्खएणं, सुविणदंसणेणं।
१६४. पाँच कारणों से सोता हुआ मनुष्य जाग जाता है-(१) शब्द से-आवाज को सुनकर। (२) स्पर्श से स्पर्श होने पर। (३) भोजन परिणाम से-भूख लगने से। (४) निद्राक्षय से-पूरी नींद सो लेने से। (५) स्वप्नदर्शन से स्वप्न देखने से। ___164. For five reasons a sleeping person gets awake-(1) by shabd-by hearing sound, (2) by sparsh-by touch, (3) by bhojan parinam-on being hungry, (4) by nidrakshaya-on conclusion of sleep and (5) by svapnadarshan-on seeing a dream.
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Sthaananga Sutra (2)
| स्थानांगसूत्र (२) ####5555555544444444
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