________________
फ्र
(3) Kunjaranika-elephant riders, (4) Mahishanika-buffalo riders and (5) Rathanika charioteers.
The commanders of these armies are as follows-(1) Drumcommander of foot soldiers, (2) Ashvaraj Sudama-commander of horse riders, (3) Hastiraj Kunthu-commander of elephant riders, (4) Lohitaksh— commander of buffalo riders and (5) Kinnar-commander of charioteers.
महद्दुमे पायत्ताणियाधिवती, महासोदामे आसराया पीढाणियाधिवती, मालंकारे हत्थिराया कुंजराणियाधिपती, महालोहिअक्खे महिसाणियाधिपती, किंपुरिसे रथाणियाधिपती । '
५८. वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज बलि के संग्राम करने वाले पाँच अनीक (सेना) और पाँच अनीकाधिपति (सेनापति ) हैं - अनीक - ( १ ) पादातानीक, (२) पीठानीक, (३) कुंजरानीक, (४) महिषानीक, (५) रथानीक ।
5
卐
५८. बलिस्स णं वइरोणिंदस्स वइरोयणरण्णो पंच संगामियाणिया, पंच संगामियाणियाधिवती 5 पण्णत्ता, तं जहा - पायत्ताणिए, (पीढाणिए, कुंजराणिए, महिसाणिए), रथाणिए ।
पाँच
अनीकाधिपति - ( १ ) महाद्रुम - पादातानीक - अधिपति । (२) पाठानीक - अधिपति । (३) हस्तिराज मालंकार - कुंजरानीक - अधिपति । महिषानीक - अधिपति। (५) किंपुरुष - रथानीक - अधिपति ।
(४)
अश्वराज-महासुदामामहालोहिताक्ष
५९. धरणस्स णं णागकुमारिंदस्स नागकुमारण्णो पंच संगामिया अणिया, पंच संगामियाणियाधिपति पण्णत्ता, तं जहा - पायत्ताणिए जाव रहाणिए ।
5
58. Vairochanendra Bali, the king of Virochana gods has five anikas (armies) and five anikadhipati (commanders ) - Armies— Padatanika-foot soldiers, (2) Pithanika-horse riders, फ (3) Kunjaranika-elephant riders, (4) Mahishanika-buffalo riders and (5) Rathanika-charioteers.
(1)
भद्दसेणे पायत्ताणियाधिपती, जसोधरे आसराया पीढाणियाधिपती, सुदंसणे हत्थराया कुंजराणियाधिपती, णीलकंठे महिसाणियाधिपती, आणंदे रहाणियाहिवई ।
पंचम स्थान : प्रथम उद्देशक
卐
The commanders of these armies are as follows – ( 1 ) Mahadrum — फ्र commander of foot soldiers, (2) Ashvaraj Mahasudama-commander of horse riders, (3) Hastiraj Malankar-commander of elephant riders, (4) Mahalohitaksh commander of buffalo riders and (5) Kimpurush - commander of charioteers.
(117) फफफफफफफ
Jain Education International
5 卐
For Private & Personal Use Only
फ्र
5
卐
Fifth Sthaan: First Lesson
卐
www.jainelibrary.org