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वाद्य-नृत्यादि-पद VADYA-NRITYADI-PAD (SEGMENT OF MUSIC, DANCE ETC.)
६३२. चउविहे वज्जे पण्णत्ते, तं जहा-तते, वितते, घणे, झुसिरे।
६३२. वाद्य (बाजे) चार प्रकार के हैं-(१) तत (वीणा आदि), (२) वितत (ढोल आदि), (३) घन + (कांस्य ताल आदि), (४) शुषिर (बांसुरी आदि)
632. Vadya (musical instruments) are of four kinds—(1) tat (stringed instruments like Veena), (2) vitat (percussion instruments like drum), (3) ghan (percussion instruments like cymbal) and (4) shushir (wind pipes like flute).
६३३. चउबिहे णट्टे पण्णत्ते, तं जहा-अंचिए, रिभिए, आरभडे, भसोले।
६३३. नाट्य (नृत्य) चार प्रकार के हैं-(१) अंचित नाट्य-ठहर-ठहर कर या रुक रुक कर मंद-मंद नाचना। (२) रिभित नाट्य-संगीत के साथ नाचना। (३) आरभट नाट्य-गाते हुए भावाभिव्यक्ति करना। (४) भषोल नाट्य-झुक कर या लेट कर भाव भंगिमा प्रदर्शित करके नाचना।
633. Natya or nritya (dances) are of four kinds—(1) anchit natya-to dance slowly and with breaks, (2) ribhit natya-to dance with music, (3) aarbhat natya—to express feelings with gestures and poses while singing, and (4) bhashol natya-to dance with bending and prostrate gestures and poses.
६३४. चउबिहे गेए पण्णत्ते, तं जहा-उक्खित्तए, पत्तए, मंदए, रोविंदए।
६३४. गेय (गायन) चार प्रकार का है-(१) उत्क्षिप्तक गेय-नाचते हुए या आरम्भ में मधुर स्वर से गायन करना। (२) पत्रक गेय-पद्य-छन्दों का गायन करना, उच्च स्वर से छन्द बोलना। (३) मन्दक गेय-मन्द-मन्द स्वर से गायन करना। (४) रोविन्दक गेय-शनैः शनैः स्वर को तेज करते हुए गायन करना। ___634. Geya or gayan (singing) is of four kinds (1) utkshiptak geyato sing in sweet voice at the beginning of or during a dance, (2) patrak geya-to sing or recite metric verses loudly, (3) mandak geya-to sing in low pitch, and (4) rovindak geya-to sing with gradually rising pitch.
६३५. चउबिहे मल्ले पण्णत्ते, तं जहा-गंथिमे, वेढिमे, पूरिमे, संघातिमे।
६३५. माल्य (माला) चार प्रकार की हैं-(१) ग्रन्थिम-फूलों आदि को सूत के धागे से गूंथ कर बनाई जाने वाली माला। (२) वेष्टिम–चारों ओर फूलों को लपेट कर मुकुटाकार बनाई गई माला। (३) पूरिम-फूल भर कर बनाई जाने वाली माला। (४) संघातिम-एक फूल की नाल आदि से दूसरे फूल आदि को जोड़कर बनाई गई माला।
| चतुर्थ स्थान : चतुर्थ उद्देशक
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Fourth Sthaan : Fourth Lesson
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