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। अन्धकार-उद्योत-पद ANDHAKAR-UDYOT-PAD (SEGMENT OF DARKNESS AND LIGHT)
५०६. अहोलोगे णं चत्तारि अंधगारं करेति, तं जहा-णरगा, णेरइया, पावाई कम्माई, असुभा पोग्गला। __५०६. अधोलोक में चार पदार्थ अन्धकार करते हैं-(१) नरक, (२) नैरयिक, (३) पापकर्म, और (४) अशुभ पुद्गल।
506. Four things cause darkness in adholok (lower world)-(1) narak (hell), (2) nairayik (infernal beings), (3) paap-karma (demeritorious karmas), and (4) ashubh-pudgal (bad or inauspicious matter particles). ___ ५०७. तिरियलोगे णं चत्तारि उज्जोतं करेति, तं जहा-चंदा, सूरा, मणी, जोती।
५०७. तिर्यक्लोक में चार पदार्थ उद्योत करते हैं-(१) चन्द्र, (२) सूर्य, (३) मणि, तथा (४) ज्योति (अग्नि)।
507. Four things cause light in tiryaklok (transverse world)— 55 (1) the moon, (2) the sun, (3) a gem, and (4) fire. ___ ५०८. उड्डलोगे णं चत्तारि उज्जोतं करेति, तं जहा-देवा, देवीओ, विमाणा, आभरणा।
॥ तृतीय उद्देशक समत्तं ॥
॥ चतुर्थ स्थान समत्तं ॥
॥सचित्र स्थानांगसूत्र, भाग १ समत्तं ॥ ५०८. ऊर्ध्वलोक में चार पदार्थ उद्योत करते हैं-(१) देव, (२) देवियाँ, (३) विमान, और * (४) देव-देवियों के आभरण (आभूषण)। .
॥ तृतीय उद्देशक समाप्त ॥
॥ चतुर्थ स्थान समाप्त ॥
। सचित्र स्थानांगसूत्र, भाग १ समाप्त॥ 508. Four things cause light in urdhvalok (higher world) - 4 (1) gods, (2) goddesses, (3) celestial vehicles, and (4) divine ornaments,
END OF THE THIRD LESSON
END OF PLACE NUMBER FOUR END OF THE FIRST PART OF ILLUSTRATED STHANANGA SUTRA
स्थानांगसूत्र (१)
(698)
Sthaananga Sutra (1)
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