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5555555555555555555555555555555555551 + ४८७. चार शय्या-प्रतिमाएँ (शय्या सम्बन्धी अभिग्रह या प्रतिज्ञाएँ) कही गई हैं। ४८८. चार !
वस्त्र-प्रतिमाएँ (वस्त्र सम्बन्धी प्रतिज्ञाएँ) कही गई हैं। ४८९. चार पात्र सम्बन्धी प्रतिमाएँ (पात्र
प्रतिज्ञाएँ) कही गई हैं। ४९०. चार स्थान-प्रतिमाएँ (स्थान सम्बन्धी प्रतिज्ञाएँ) कही गई हैं। ॐ 487. There are four shayya-pratimas (special codes and resolutions
related to bed). 488. There are four vastra-pratimas (special codes and resolutions related to dress). 489. There are four paatra-pratimas (special codes and resolutions related to begging-bowls). 490. There are four sthaan-pratimas (special codes and resolutions related to place of stay).
विवेचन-साधु अपनी आवश्यकता के अनुसार शया, वस्त्र, पात्र और स्थान की याचना करता है परन्तु उसमें भी विभिन्न प्रकार के अभिग्रह धारण कर मर्यादा करता है। यहाँ पर केवल उनका नामोल्लेख है। आयारचूला के आधार पर टीकाकार ने चारों प्रतिमाओं का स्वरूप इस प्रकार:
बताया हैॐ १. शय्या-प्रतिमा के चार प्रकार
(१) (श्रमण प्रतिज्ञा/अभिग्रह धारण करता है) मेरे नाम से उद्दिष्ट-घोषित या संकल्पित शय्या मिलेगी तो ग्रहण करूँगा, अनुद्दिष्ट अन्य शय्या को नहीं ग्रहण करूँगा। (२) मेरे लिए उद्दिष्ट शय्या को, यदि मैं देखूगा तो उसे ग्रहण करूँगा, अनुद्दिष्ट और अदृष्ट शय्या को नहीं ग्रहण करूँगा। (३) मेरे लिए उद्दिष्ट शय्या यदि शय्यातर के घर में होगी तो उसे ग्रहण करूँगा, अन्यथा नहीं। (४) मेरे लिए उद्दिष्ट शय्या यदि सहज बिछी हुई मिलेगी तो उसे ग्रहण करूँगा, अन्यथा नहीं। २. वस्त्र-प्रतिमा के चार प्रकार
(१) मेरे लिए उद्दिष्ट वस्त्र की ही याचना करूँगा, अन्य की नहीं। (२) मेरे लिए उद्दिष्ट वस्त्र को यदि देखूगा तो उसकी ही याचना करूँगा, अन्य की नहीं। (३) मेरे लिए उद्दिष्ट और घोषित वस्त्र यदि शय्यातर के द्वारा उपयोग में लाया हुआ हो तो उसकी याचना करूँगा, अन्य की नहीं। (४) मेरे लिए है उद्दिष्ट और घोषित वस्त्र यदि शय्यातर के द्वारा फैंक देने योग्य हो तो उसकी याचना करूँगा, अन्य की नहीं। ३. पात्र-प्रतिमा के चार प्रकार
(१) मेरे लिए उद्दिष्ट काष्ठ-पात्र आदि की मैं याचना करूँगा, अन्य की नहीं। (२) मेरे लिए उद्दिष्ट ॐ पात्र को यदि मैं देखूगा तो उसकी याचना करूँगा, अन्य की नहीं। (३) मेरे लिए उद्दिष्ट पात्र यदि दाता
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स्थानांगसूत्र (१)
(774)
Sthaananga Sutra (1)
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