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२३९. (३) चत्तारि हत्थी पण्णत्ता, तं जहा-मिए णाममेगे भद्दमणे, मिए णाममेगे दमणे, मिए + णाममेगे मियमणे, मिए णाममेगे संकिण्णमणे। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-मिए
णाममेगे भद्दमाणे, [मिए णाममेगे मंदमणे, मिए णाममेगे मियमणे, मिए णाममेगे संकिण्णमणे।] म २४०. (४) चत्तारि हत्थी पण्णत्ता, तं जहा-संकिण्णे णाममेगे भद्दमणे, संकिण्णे णाममेगे
मंदमणे, संकिण्णे णाममेगे मियमणे, संकिण्णे णाममेगे संकिण्णमणे। एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-संकिण्णे णाममेगे भद्दमणे, [संकिण्णे णाममेगे मंदमणे, संकिण्णे णाममेगे मियमणे, ] संकिण्णे णाममेगे संकिण्णमणे।
२३७. हाथी चार प्रकार के होते हैं-(१) (१) भद्र और भद्रमन-कोई हाथी जाति से भद्र होता है है और भद्र मन वाला (धीर) भी होता है। (गंध हस्ती इसी भंग में समाविष्ट है), (२) भद्र और मन्दमनक कोई हाथी जाति से भद्र, किन्तु मन्द मन वाला होता है। (३) भद्र और मृगमन-कोई हाथी जाति से भद्र,
किन्तु मृग जैसा मन वाला होता है। (४) भद्र और संकीर्णमन-कोई हाथी जाति से भद्र, किन्तु संकीर्ण मन # वाला होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) भद्र और भद्रमन-कोई पुरुष भद्र
(कुलीन) और भद्र मन वाला होता है। (२) भद्र और मंदमन-कोई पुरुष कुल से भद्र, किन्तु मंद मन
वाला होता है। (३) भद्र और मृगमन-कोई पुरुष भद्र, किन्तु मृग मन वाला होता है। (४) भद्र और के संकीर्णमन-कोई पुरुष भद्र, किन्तु संकीर्ण मन वाला होता है।
२३८. हाथी चार प्रकार के होते हैं-(२) (१) मन्द और भद्रमन-कोई हाथी जाति से मन्द, किन्तु भद्र के मन वाला होता है। (२) मन्द और मन्दमन-कोई हाथी जाति से मन्द और मन्द मन वाला होता है। (३)
मन्द और मृगमन-कोई हाथी जाति से मन्द और मृग मन वाला होता है। (४) मन्द और संकीर्णमन-कोई # हाथी जाति से मन्द और संकीर्ण मन वाला होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) मन्द और भद्रमन-कोई पुरुष स्वभाव से मन्द किन्तु भद्र मनवाला होता है; (२) मन्द और मन्दमन-कोई पुरुष
व से मन्द और मन्द मन वाला; (३) मन्द और मगमन-कोई पुरुष स्वभाव से मन्द और मग जैसा मन 5 वाला; और (४) मन्द और संकीर्णमन-कोई पुरुष स्वभाव से मन्द और संकीर्ण मन वाला होता है।
२३९. हाथी चार प्रकार के होते हैं-(३) (१) मृग और भद्रमन-कोई हाथी जाति से मृग (भीरु) किन्तु के भद्र मन वाला (धैर्यवान्); (२) मृग और मन्दमन-कोई हाथी जाति से मृग और मन्द मन वाला; (कम धैर्य
वाला) (३) मृग और मृगमन-कोई हाथी जाति से मृग और मृग जैसा मन वाला; और (४) मृग और * संकीर्णमन-कोई हाथी जाति से मृग और संकीर्ण मन वाला होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के के होते हैं-(१) मृग और भद्र मन। (२) मृग और मन्दमन। (३) मृग और मृगमन। (४) मृग और संकीर्णमन।
२४०. हाथी चार प्रकार के होते हैं-(४) (१) संकीर्ण और भद्रमन-कोई हाथी जाति से संकीर्ण, है किन्तु भद्र मन वाला होता है। (२) संकीर्ण और मन्दमन-कोई हाथी जाति से संकीर्ण और मन्द मन वाला
होता है। (३) संकीर्ण और मृगमन-कोई हाथी जाति से संकीर्ण और मृग मन वाला होता है। (४) संकीर्ण । और संकीर्णमन-कोई हाथी जाति से संकीर्ण और संकीर्ण मन वाला होता है। इसी प्रकार पुरुष भी चार
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चतुर्थ स्थान
(419)
Fourth Sthaan
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