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+ मन से आर्य; और (४) कोई जाति से अनार्य और मन से भी से अनार्य होता है। २१५. पुरुष चार
प्रकार के होते हैं-(५) आर्य और आर्य संकल्प-(१) कोई पुरुष जाति से आर्य और संकल्प से भी आर्य ॐ होता है; (२) कोई जाति से आर्य, किन्तु अनार्य संकल्प वाला; (३) कोई जाति से अनार्य, किन्तु आर्य संकल्प वाला; और (४) कोई जाति से अनार्य और अनार्य संकल्प वाला होता है।
214. Men are of four kinds-(iv) Arya and arya man-(1) Some man is arya (noble by birth) and arya man (noble in mind) as well. (2) Some man is noble by birth but anarya man (ignoble of mind). (3) Some man is ignoble by birth but noble of mind. (4) Some man is ignoble by birth and ignoble of mind as well. 215. Men are of four kinds—(v) Arya and arya sankalp—(1) Some man is arya (noble by birth) and arya sankalp (noble in resolve) as well. (2) Some man is noble by birth but anarya sankalp
(ignoble in resolve). (3) Some man is ignoble by birth but noble in 5 resolve. (4) Some man is ignoble by birth and ignoble in resolve as well.
२१६. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-अज्जे णाममेगे अज्जपण्णे, अज्जे णाममेगे अणज्जपण्णे, अणज्जे णाममेगे अज्जपण्णे, अणज्जे णाममेगे अणज्जपण्णे। २१७. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-अज्जे णाममेगे अज्जदिट्ठी, अज्जे णाममेगे अणज्जदिट्ठी, अणजे णाममेगे अज्जदिट्ठी, अणज्जे णाममेगे अणज्जदिट्ठी।
२१६. पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(६) आर्य और आर्यप्रज्ञ-(१) कोई जाति से आर्य और आर्य , प्रज्ञा वाला होता है; (२) कोई जाति से आर्य, किन्तु अनार्य प्रज्ञा वाला; (३) कोई जाति से अनार्य, किन्तु आर्य प्रज्ञा वाला; (४) कोई जाति से अनार्य और अनार्य प्रज्ञा वाला होता है। २१७. पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(७) आर्य और आर्य दृष्टि-(१) कोई जाति से आर्य और आर्य दृष्टि वाला होता है;
(२) कोई जाति से आर्य, किन्तु अनार्य दृष्टि वाला; (३) कोई जाति से अनार्य, किन्तु आर्य दृष्टि वाला; म और (४) कोई जाति से अनार्य और अनार्य दृष्टि वाला होता है।
216. Men are of four kinds-(vi) Arya and arya prajna—(1) Some man is arya (noble by birth) and arya prajna (noble in wisdom) as well. (2) Some man is noble by birth but anarya prajna (ignoble in wisdom). (3) Some man is ignoble by birth but noble in wisdom. (4) Some man is ignoble by birth and ignoble in wisdom as well. 217. Men are of four kinds-(vii) Arya and arya drishti-(1) Some man is arya (noble by birth) and arya drishti (noble in perception/faith) as well. (2) Some man is noble by birth but anarya drishti (ignoble in perception/faith).
(3) Some man is ignoble by birth but noble in perception/faith. (4) Some i man is ignoble by birth and ignoble in perception/faith as well.
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| स्थानांगसूत्र (१)
(408)
Sthaananga Sutra (1)
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