________________
卐55555555555555555555555555551555555555555555558
855555555555555555555555555555555555 ॐ २७. (४) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-सुद्धे णामं एगे सुद्धमणे, [सुद्धे णाम है असुद्धमणे, असुद्धे णाम एगे सुद्धमणे, असुद्धे णामं एगे असुद्धमणे।
२८. (५) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-सुद्धे णामं एगे सुद्धसंकप्पे, सुद्धे णामं एगे असुद्धसंकप्पे, असुद्धे णामं एगे सुद्धसंकप्पे, असुद्धे णामं एगे असुद्धसंकप्पे।
२९. (६) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-सुद्धे णामं एगे सुद्धपण्णे, सुद्धे असुद्धपण्णे, असुद्धे णामं एगे सुद्धपण्णे, असुद्धे णामं एगे असुद्धपण्णे। ____३०. (७) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-सुद्धे णामं एगे सुद्धदिट्ठी, सुद्धे णामं ॐ असुद्धदिट्ठी, असुद्धे णामं एगे सुद्धदिट्ठी, असुद्धे णामं एगे असुद्धदिट्ठी।।
३१. (८) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-सुद्धे णामं एगे सुद्धसीलाचारे, सुद्धे णामं एगे असुद्धसीलाचारे, असुद्धे णामं एगे सुद्धसीलाचारे, असुद्धे णामं एगे असुद्धसीलाचारे।
३२. (९) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-सुद्धे णामं एगे सुद्धववहारे, सुद्धे णामं एगे असुद्धववहारे, असुद्धे णामं एगे सुद्धववहारे, असुद्धे णाम एगे असुद्धववहारे।
___ ३३. (१०) चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-सुद्धे णामं एगे सुद्धपरक्कमे, सुद्धे णाम म एगे असुद्धपरक्कमे, असुद्धे णामं एगे सुद्धपरक्कमे, असुद्धे णामं एगे असुद्धपरक्कमे।
२७. पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष जाति से शुद्ध और शुद्ध मन वाला होता है, + म (२) कोई जाति से तो शुद्ध, किन्तु अशुद्ध मन वाला, (३) कोई जाति से अशुद्ध और शुद्ध मन वाला, ॐ और (४) कोई जाति से अशुद्ध और अशुद्ध मन वाला होता है।
२८. पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष जाति से शुद्ध और शुद्ध संकल्प (पवित्र प्रतिज्ञा) ॐ वाला होता है, (२) कोई जाति से शुद्ध, किन्तु अशुद्ध संकल्प वाला, (३) कोई जाति से अशुद्ध, किन्तु शुद्ध संकल्प वाला, और (४) कोई जाति से अशुद्ध और अशुद्ध संकल्प वाला होता है।
२९. पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष जाति से शुद्ध और शुद्ध प्रज्ञा वाला होता है, (२) कोई जाति से शुद्ध, किन्तु अशुद्ध प्रज्ञा वाला, (३) कोई जाति से अशुद्ध, किन्तु शुद्ध प्रज्ञा वाला, + और (४) कोई जाति से अशुद्ध और अशुद्ध प्रज्ञा वाला होता है।
३०. पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष जाति से शुद्ध और शुद्ध दृष्टि वाला होता है, 9 (२) कोई जाति से शुद्ध, किन्तु अशुद्ध दृष्टि वाला, (३) कोई पुरुष जाति से अशुद्ध, किन्तु शुद्ध दृष्टि वाला, और (४) कोई जाति से अशुद्ध और अशुद्ध दृष्टि वाला होता है।
३१. पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष जाति से (जन्म से) शुद्ध और शुद्ध शील-आचार वाला होता है. (२) कोई जाति से शुद्ध, किन्तु अशुद्ध शील-आचार वाला, (३) कोई
B555555555555555555555555555555555555555555555555
| स्थानांगसूत्र (१)
(338)
Sthaananga Sutra (1)
四步步步步步步步步步步步步步步步步虽%%%%%%%%%%%%%%以
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org