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मानानासानामामामामामामामामानानानानानानागानागनानगर नागनानानामा
O Long lived Shramans ! The lower world is the most difficult to s comprehend. ऋद्धि-पद RIDDHI-PAD (SEGMENT OF WEALTH) ___ ३८३. तिविहा इड्डी पण्णत्ता, तं जहा-देविट्टी, राइड्डी, गणिड्डी।
३८३. ऋद्धि (ऐश्वर्य) तीन प्रकार की होती है-(१) देव-ऋद्धि, (२) राज्य-ऋद्धि, और , (३) गणि-(आचार्य) ऋद्धि।
383. Riddhi (wealth) is of three kinds—(1) dev-riddhi (divine wealth), (2) rajya-riddhi (state wealth). and (3) gani-riddhi (preceptor's wealth).
३८४. देविट्ठी तिविहा पण्णत्ता, तं जहा-विमाणिड्डी, विगुव्वणिड्डी, परियारणिड्डी। अहवा-देविड्डी तिविहा पण्णत्ता, तं जहा-सचित्ता, अचित्ता, मीसिता।
३८४. देव-ऋद्धि तीन प्रकार की है-(१) विमान-ऋद्धि, (२) वैक्रिय-ऋद्धि, और (३) परिचारणा-ऋद्धि (काम क्रीड़ा की शक्ति)। ___ अथवा देव-ऋद्धि तीन प्रकार की है-(१) सचित्त-ऋद्धि (देवी-देवादि का परिवार), (२) अचित्त ऋद्धि-(वस्त्र-आभूषणादि), और (३) मिश्र-ऋद्धि-(वस्त्राभरणभूषित देवी आदि)।
384. Dev-riddhi (divine wealth) is of three kinds-(1) vimaan-riddhi si (wealth of celestial vehicles), (2) vaikriya-riddhi (power of transmutation), and (3) paricharana-riddhi (power of sexual indulgence). ___Also dev-riddhi (divine wealth) is of three kinds—(1) sachitta-riddhi (living wealth, such as retinue of gods and goddesses), (2) achitta-riddhi (non-living wealth, such as garb, ornaments etc.), and (3) mishra-riddhi (mixed, such as adorned goddesses).
३८५. राइड्डी तिविहा पण्णत्ता, तं जहा-रण्णो अतियाणिड्डी, रण्णो णिजाणिड्डी, रण्णो बलम वाहण-कोस-कोट्ठागारिड्डी। ___ अहवा-राइड्डी तिविहा पण्णत्ता, तं जहा-सचित्ता, अचित्ता, मीसिता।
३८५. राज्य-ऋद्धि तीन प्रकार की होती है
(१) अतियान-ऋद्धि-राजा या राजा के विशिष्ट अतिथि के नगर प्रवेश के समय की जाने वाली तोरण-द्वारादि रूप सजावट। (२) निर्याण-ऋद्धि-नगर से बाहर निकलने पर उनके साथ चलने वाला वैभव। (३) कोष-कोष्ठागार-ऋद्धि-सेना, वाहन, खजाना और धान्य-भाण्डारादि रूप।
अथवा राज्य-ऋद्धि तीन प्रकार की होती है
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| तृतीय स्थान
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Third Sthaan
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