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एवामेव तओ पुरिसजाता पण्णत्ता, तं जहा - पत्तोवा रुक्खसमाणे, पुप्फोवा रुक्खसमाणे, 5 फलोवा रुक्खसमाणे ।
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२८. वृक्ष तीन प्रकार के होते हैं। जैसे- (१) पत्तों वाले, (२) पुष्पों वाले, और (३) फलों वाले । इसी प्रकार पुरुष भी तीन प्रकार के होते हैं - (१) पत्तों वाले वृक्ष के समान अल्प उपकारी, (२) पुष्पों वाले वृक्ष समान विशेष उपकारी, और (३) फलों वाले वृक्ष के समान विशिष्टतर उपकारी । 28. Vrikshas (trees) are of three kinds-(1) those with leaves, (2) those with flowers, and (3) those with fruits.
In the same way men are also of three kinds-(1) slightly beneficial like trees with leaves, (2) more beneficial like trees with flowers, and (3) most beneficial like trees with fruits.
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विवेचन - केवल पत्ते वाले वृक्षों से पुष्पों वाले और उनसे भी अधिक फल वाले वृक्ष लोक में उत्तम 5 माने जाते हैं। जो पुरुष दुःखी पुरुष को आश्रय देते हैं वे पत्रयुक्त वृक्ष के समान हैं। जो आश्रय के साथ उसके दुःख दूर करने का आश्वासन भी देते हैं, वे पुष्पयुक्त वृक्ष के समान हैं और उसका भरण-पोषण भी करते हैं वे फलयुक्त वृक्ष के समान हैं।
Elaboration-As compared to the trees having only leaves those with flowers are considered better and those with fruits are the best. People who provide shelter to the miserable are like trees with leaves. Those who also give assurance to remove their miseries are like flowering trees. Those who provide for their subsistence as well are like fruit bearing trees.
पुरुषजात-पद PURUSHAJAAT-PAD (SEGMENT OF MAN)
२९. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा - णामपुरिसे, ठवणपुरिसे, दव्यपुरिसे । ३०. तओ पुरिसज्जाया पण्णत्ता, तं जहा - णाणपुरिसे, दंसणपुरिसे, चरित्तपुरिसे । ३१. तओ पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा - वेदपुरिसे, चिंधपुरिसे, अभिलावपुरिसे । ३२. तिविहा पुरिसा पण्णत्ता, तं जहाउत्तमपुरिसा, मज्झिमपुरिसा, जहण्णपुरिसा । ३३. उत्तमपुरिसा तिविहा पण्णत्ता, तं जहाधम्मपुरिसा, भोगपुरिसा, कम्मपुरिसा । धम्मपुरिसा अरहंता, भोगपुरिसा चक्कवट्टी, कम्मपुरिसा वासुदेवा । ३४. मज्झिमपुरिसा तिविहा पण्णत्ता, तं जहा - उग्गा, भोगा, राइण्णा । ३५. जहण्णपुरिसा तिविहा पण्णत्ता, तं जहा - दासा, भयणा, भाइल्लगा ।
३०.
२९. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं। जैसे - ( १ ) नामपुरुष, (२) स्थापनापुरुष, और (३) द्रव्यपुरुष । पुरुषों के तीन प्रकार होते हैं - (१) ज्ञानपुरुष, (२) दर्शनपुरुष, और (३) चारित्रपुरुष । 5 ३१. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं - वेदपुरुष, (२) चिह्नपुरुष, और (३) अभिलापपुरुष । ३२. पुरुष तीन प्रकार के होते हैं - ( १ ) उत्तम पुरुष, (२) मध्यम पुरुष, और (३) जघन्य पुरुष । ३३. उत्तम पुरुष तीन प्रकार के होते हैं - ( १ ) धर्मपुरुष (अरहन्त), (२) भोगपुरुष (चक्रवर्ती), और
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स्थानांगसूत्र (१)
Sthaananga Sutra (1)
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