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one Deergh Vaitadhya is in Bharat area and the other Deergh Vaitadhya is in Airavat area. गुहा-पद GUHA-PAD
२७९. भारहए णं दीहवेयड्ढे दो गुहाओ पण्णत्ताओ-बहुसमतुल्लाओ अविसेसमणाणत्ताओ अण्णमणं णातिवटुंति आयाम-विक्खंभुच्चत्त-संठाण-परिणाहेणं, तं जहा-तिमिसगुहा चेव, खंडगप्पवाय-गुहा चेव। तत्थ णं दो देवा महिडिया जाव पलिओवमद्वितीया परिवसंति, तं जहा-ॐ कयमालए चेव, णट्टमालए चेव। २८०. एरवए णं दीहवेयढे दो गुहाओ पण्णत्ताओ जाव तं जहाकयमालए चेव, णट्टमालए चेव।
२७९. भरत क्षेत्र के दीर्घ वैताढ्य पर्वत में तमिस्रा और खण्डप्रपात नाम की दो गुफाएँ हैं। वे दोनों क्षेत्र-प्रमाण की दृष्टि से सर्वथा सदृश हैं, उनमें परस्पर कोई विशेष भेद नहीं है। आयाम, विष्कम्भ, उच्चत्व, संस्थान और परिधि की अपेक्षा एक-दूसरे के समान हैं। वहाँ पर महान् ऋद्धि वाले चावत् एक पल्योपम की स्थिति वाले दो देव रहते हैं-तमिस्रा गुफा में कृतमालक देव और खण्डप्रपात गुफा में नृत्तमालक देव। . २८०. इसी तरह ऐरवत क्षेत्र के दीर्घ वैताढ्य पर्वत में तमिस्रा और खण्डप्रपात नाम की दो गुफाएँ हैं। वे दोनों क्षेत्र-प्रमाण आदि की दृष्टि से एक-दूसरे के सर्वथा समान हैं। वहाँ पर महान् ऋद्धि वाले यावत् एक पल्योपम की स्थिति वाले दो देव रहते हैं-तमिस्रा में कृतमालक और खण्डप्रपात गुफा में नृत्तमालक देवः ॥
279. On the Deergh Vaitadhya in Bharat area there are two caves named Tamisra and Khandprapat. These two caves have exactly same i size. There is not much difference in terms of seasonal changes. In terms 41 of length, breadth, height, depth, structure and circumference they do not contradict each other. In these caves reside two gods having great wealth, great radiance, great power, great fame, great strength, great happiness and life span of one Palyopam (a metaphoric unit of time)-Kritamalak in the Tamisra cave and Nrittamalak Dev in the Khandprapat cave. 280. On the Deergh Vaitadhya in Airavat area there are two caves named Tamisra and Khandprapat. These two caves have exactly same size and other attributes. On these caves reside two gods having great wealth... and so on up to... life span of one Palyopam-Kritamalak in the Tamisra cave and Nrittamalak Dev in the Khandprapat cave. कूट-पद KOOT-PAD (SEGMENT OF PEAKS)
२८१. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं चुल्लहिमवंते वासहरपबए दो कूडा पण्णत्ता-9 बहुसमतुल्ला जाव विक्खंभुच्चत्त-संठाण-परिणाहेणं, तं जहा-चुल्लहिमवंतकूडे चेव, वेसमणकूडे चेव। २८२. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं महाहिमवंते वासहरपव्वए दो कूडा पण्णत्ता
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स्थानांगसूत्र (१)
(120)
Sthaananga Sutra (1)
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