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एवं संपेइ, एवं संपेहित्ता कंचुइज्जपुरिसं सद्दावेति, कंचुइज्जपुरिसं सद्दावेत्ता एवं वयासि - किं णं क
देवापिया ! अज खत्तियकुंडग्गामे नगरे इंदमहे इ वा जाव निग्गच्छंति ?
२४. तब बहुत-से मनुष्यों के शब्द और उनका परस्पर मिलन सुन और देखकर उस क्षत्रियकुमार मालि के मन में विचार यावत् संकल्प उत्पन्न हुआ - 'क्या आज क्षत्रियकुण्डग्राम नगर में इन्द्र का उत्सव है ?, अथवा स्कन्द महोत्सव है ?, या मुकुन्द (वासुदेव) महोत्सव है ? नाग का उत्सव है, यक्ष का उत्सव है, अथवा भूत महोत्सव है ? या किसी कूप का, सरोवर का, नदी का या द्रह का उत्सव है ?,
अथवा किसी पर्वत का, वृक्ष का, चैत्य का अथवा स्तूप का उत्सव है ?, जिसके कारण ये बहुत से उग्र ( उग्रकुल के क्षत्रिय), भोग (भोगकुल या भोजकुल के क्षत्रिय), राजन्य, इक्ष्वाकु (कुलीन), ज्ञातृ (कुलीन), कौरव्य क्षत्रिय, क्षत्रियपुत्र, भट (योद्धा), भटपुत्र, सेनापति, सेनापतिपुत्र, प्रशास्ता एवं प्रशास्तापुत्र, लिच्छवी ( लिच्छवीगुण के क्षत्रिय), लिच्छवीपुत्र, ब्राह्मण (माहण), ब्राह्मणपुत्र एवं इभ्य ( श्रेष्ठी) इत्यादि औपपातिकसूत्र में कहे अनुसार यावत् सार्थवाह प्रमुख, स्नान आदि करके यावत् बाहर निकल रहे हैं ?
इस प्रकार विचार करके उसने कंचुकीपुरुष (सेवक) को बुलाया और उससे पूछा - "हे देवानुप्रियो ! क्या आज क्षत्रियकुण्डग्राम नगर के बाहर इन्द्र आदि का कोई उत्सव है, जिसके कारण यावत् ये सब लोग बाहर जा रहे हैं ? "
With these thoughts Jamali, the Kshatriya youth, called his attendant and asked "Beloved of gods! Is there a festival of Indra outside Kshatriya Kundagram town for which these throngs of people are going out of the town?
| नवम शतक ते तीसवाँ उद्देशक
24. Looking at the large gathering and hearing the noise, Kshatriya youth Jamali thought and deliberated 'Is the Kshatriya Kundagram town celebrating the festival of Indra or Kartikeya today? Or is it the festival of deities like Naag, Yaksha, or Bhoot? Or are there celebrations फ for some sacred river, pond, or lake ? Or is it related to hill, tree or temple? Why these groups of variety of people are moving out of town after taking bath and getting ready (as mentioned in Aupapatik sutra)? 卐 The people include - - Ugra clans, Bhog clans, members of the advisory council of the king (rajanya), Ikshvaku clans, Jnatra clans, Kauravya clans, people of the warrior clans (Kshatriyas) and their sons, soldiers 5 (bhat) and their sons, commanders (senapati) and their sons, 5 administrative officers (prashasta) ard their sons, members of the Lichchhivi republic (Lichchhivi) and their sons (Lichchhiviputra), Brahmans and their sons, affluent people (ibhya) and so on up to ... caravan chiefs (sarthavaha).'
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Ninth Shatak: Thirty Third Lesson
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