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प्रकारान्तर से चौबीस दण्डकों में उत्पाद- उद्वर्तना BIRTH & DEATH FROM ANOTHER ANGLE
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४९. [.] सओ भंते ! नेरइया उववज्जंति ? असओ भंते ! नेरइया उववज्जंति ?
[ उ. ] गंगेया ! सओ नेरइया उववज्जंति, नो असओ नेरइया उववज्र्ज्जति । एवं जाव वेमाणिया ।
४९. [ प्र. ] भगवन् ! सत् (विद्यमान) नैरयिक जीव उत्पन्न होते हैं या असत् (अविद्यमान) नैरयिक उत्पन्न होते हैं ?
[उ. ] गांगेय ! सत् नैरयिक उत्पन्न होते हैं, असत् नैरयिक उत्पन्न नहीं होते। इसी प्रकार यावत् वैमानिक तक जानना चाहिए।
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49. [Q.] Bhante ! Are the existent (sat) infernal beings born ? Or are the non-existent (asat) infernal beings born?
[Ans.] Gangeya ! Only the existent (sat) infernal beings are born and not the non-existent (asat) infernal beings. The same holds good and so on up to... Vaimaniks (celestial-vehicular gods).
[Ans.] Gangeya ! Only the existent (sat) infernal beings die and not the non-existent (asat) infernal beings. The same holds good
and so on
5 up to... Vaimaniks (celestial-vehicular gods). The only difference is that
५०. [ प्र. ] सओ भंते! नेरइया उव्वट्टंति, असओ नेरइया उव्वट्टंति ?
[उ. ] गंगेया ! सओ नेरइया उव्वट्टंति, नो असओ नेरइया उव्वट्टंति । एवं जाव वेमाणिया, नवरं
जो सिय- वेमाणि सु 'चयंति' भाणियव्वं ।
50. [Q.] Bhante ! Do the existent (sat) infernal beings die ? Or do the non-existent (asat) infernal beings die?
५०. [ प्र. ] भगवन् ! सत् नैरयिक उद्वर्तते हैं या असत् नैरयिक उद्वर्तते हैं ?
[ उ. ] गांगेय ! सत् नैरयिक उद्वर्तते हैं, किन्तु असत् नैरयिक उद्ववर्तिते नहीं होते। इसी प्रकार
यावत् वैमानिक पर्यन्त जानना चाहिए । विशेष इतना ही है कि ज्योतिष्क और वैमानिक देवों के लिए 5 'च्यवते हैं', ऐसा कहना चाहिए।
for Jyotishks and Vaimaniks state descend instead of die.
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५१. [ प्र. १ ] सओ भंते! नेरइया उववज्जंति, असओ नेरइया उववज्जंति ? सओ असुरकुमारा
फ्र उववज्जंति जाव सओ वेमाणिया उववज्जंति, असओ वेमाणिया उववज्जंति ? सओ नेरइया उव्वट्टंति, असओ फ
नेरइया उव्वहंति ? सओ असुरकुमारा उव्वहंति जाव सओ वेमाणिया चयंति, असओ वेमाणिया चयंति? [उ.] गंगेया ! सओ नेरइया उववज्जंति, नो असओ नेरइया उववज्जंति, सओ असुरकुमारा 5
उववज्जंति, नो असओ असुरकुमारा उववज्जंति, जाव सओ वेमाणिया उववज्जंति, नो असओ वेमाणिया
5 वेमाणिया चयंति ।
उववज्र्ज्जति । सओ नेरइया उव्वट्टंति, नो असओ नेरइया उव्वट्टंति; जाव सओ वेमाणिया चयंति, नो असओ
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नवम शतक: बत्तीसवाँ उद्देशक
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Ninth Shatak: Thirty Second Lesson
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