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उन मनुष्यों की स्थिति पल्योपम के असंख्यातवें भाग होती है। छह मास आयुष्य शेष रहने पर वे एक साथ 5 पुत्र-पुत्रीयुगल को जन्म देते हैं । ७९ दिन तक उनका पालन-पोषण करते हैं। तत्पश्चात् मरकर वे देवगति में उत्पन्न होते हैं।
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वे अन्तद्वीप कहाँ ? - जीवाभिगमसूत्र के अनुसार जम्बूद्वीप में भरत क्षेत्र और हैमवत क्षेत्र की सीमा बाँधने वाला चुल्ल हिमवान पर्वत है। वह पर्वत पूर्व और पश्चिम में लवणसमुद्र को स्पर्श करता है। इसी पर्वत के पूर्वी और पश्चिमी किनारे से लवणसमुद्र में, चारों विदिशाओं में से प्रत्येक विदिशा में तीन-तीन सौ योजन आगे 5 जाने पर एकोरुक आदि एक-एक करके चार अन्तद्वीप आते हैं। ये द्वीप गोल हैं। इनकी लम्बाई-चौड़ाई 卐 तीन-तीन सौ योजन की है। इन द्वीपों से आगे ४००-४०० योजन लवणसमुद्र में जाने पर चार-चार सौ योजन लम्बे-चौड़े हयकर्ण आदि चार द्वीप आते हैं। ये भी गोल हैं।
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卐 इसी प्रकार इनसे आगे क्रमशः पाँच सौ, छह सौ सात सौ आठ सौ एवं नौ सौ योजन जाने पर क्रमशः ४-४ द्वीप आते हैं, जिनके नाम पहले बता चुके हैं। इन चार-चार अन्तद्वीपों की लम्बाई-चौड़ाई भी क्रमशः 5 पाँच सौ से लेकर नौ सौ योजन तक जाननी चाहिए। ये सभी गोल हैं। इसी प्रकार चुल्ल हिमवान पर्वत की चारों विदिशाओं में ये २८ अन्तद्वीप हैं ।
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छप्पन अन्तर्द्वीप - जिस प्रकार चुल्ल हिमवान पर्वत की चारों विदिशाओं में २८ अन्तर्द्वीप कहे गये हैं, इसी 15 प्रकार मेरु पर्वत के उत्तर में ऐरवत क्षेत्र की सीमा बांधने वाले शिखरी पर्वत की चारों विदिशाओं में भी २८
अन्तद्वीप हैं, जिनका वर्णन इसी शास्त्र में १० वें शतक के ७वें से लेकर ३४वें उद्देशक तक २८ उद्देशकों में
किया गया है। उन अन्तद्वीपों के नाम भी इन्हीं के समान हैं । (प्रज्ञापना, पहला पद, जीवाभिगम, प्रतिपत्ति ३) 5 (स्पष्टता के लिए संलग्न चित्र देखें)
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Elaboration-Middle islands and their human inhabitants-As these islands are in Lavan Samudra they are called Antardveep (middle islands). Human beings living on these islands are called Antardveepak 5 (middle island men). The total number of middle islands is 56 (28 northern and 28 southern). Here the question is only about the southern islands and they are 28 in number. Their names according to Prajnapana Sutra are-(1) Ekoruk, (2) Aabhaasik, (3) Langoolik, (4) 5 Vaishaanik, (5) Hayakarn, (6) Gajakarn, (7) Gokarn, ( 8 ) Shashkulikarn, (9) Adarsh-mukh, (10) Mendhramukh, (11) Ayomukh, (12) Gomukh, (13) Ashvamukh, (14) Hastimukh, (15) Simhamukh, (16) Vyaghramukh, (17) Ashvakarn, ( 18 ) Simhakarn, ( 19 ) Akarn, (20) Karnapravaran, ( 21 ) Ulkamukh, (22) Meghmukh, (23) Vidyunmukh, (24) Vidyuddant, (25) 5 Ghanadant, (26) Lashtadant, ( 27 ) Goodhadant, and (28) Shuddhadant. The group name of the humans on each island follow the name of the respective island. The titles of the twenty-eight lessons also follow the same pattern. The human beings living here are Yugalias (twins-one 5 male and one female).
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नवम शतक तृतीय से तीसवां उद्देशक 卐
( 313 ) Ninth Shatak: Third to Thirtieth Lessons
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