________________
8) )))))))))))))))))) ))))))
determining karma) ? And is a soul (jiva) infested with Ayushya karma i also infested with Vedaniya karma ?
(Ans.] Gautam ! These two karmas coexist as a rule. म ४९. जहा आउएण समं एवं नामेण वि, गोएण वि समं भाणियव्वं ।
४९. जिस प्रकार आयुष्यकर्म के साथ (वेदनीयकर्म के विषय में) कहा, उसी प्रकार नाम और ॐ गोत्रकर्म के साथ भी (वेदनीयकर्म के विषय में) कहना चाहिए।
49. What has been said about co-relation of Vedaniya karma with Ayushya karma (life-span determining karma) should also be repeated 4 for co-relation of Vedaniya karma with Naam karma (form determining karma) and Gotra karma (status determining karma).
५०. [प्र. ] जस्स णं भंते ! वेयणिज्जं तस्स अंतराइयं० ? पुच्छा।
[उ. ] गोयमा ! जस्स वेयणिज्जं तस्स अंतराइयं सिय अत्थि सिय नत्थि, जस्स पुण अंतराइयं तस्स ॐ वेयणिज्जं नियमा अस्थि ३।
५०. [प्र. ] भगवन् ! जिस जीव के वेदनीयकर्म है, क्या उसके अन्तरायकर्म है, और जिसके ॐ अन्तरायकर्म है, क्या उसके वेदनीयकर्म है ?
[उ. ] गौतम ! जिस जीव के वेदनीयकर्म है, उसके अन्तरायकर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं ॐ भी होता, परन्तु जिसके अन्तरायकर्म होता है, उसके वेदनीयकर्म नियमतः होता है। + 50. [Q.] Bhante ! Is a soul (jiva) infested with Vedaniya karma also
infested with Antaraya karma (power hindering karma) ? And is a soul (jiva) infested with Antaraya karma also infested with Vedaniya karma ? ____ [Ans.] Gautam ! A soul (jiva) infested with Vedaniya karma (sensation producing karma) may and may not be infested with Antaraya karma (power hindering karma). However, a soul (jiva) infested with Antaraya karma is also, as a rule, infested with Vedaniya karma.
५१. [प्र. ] जस्स णं भंते ! मोहणिजं तस्स आउयं, जस्स आउयं तस्स मोहणिज्जं ?
[उ. ] गोयमा ! जस्स मोहणिज्जं आउयं नियमा अत्थि, जस्स पुण आउयं तस्स पुण मोहणिज्जं सिय ॐ अस्थि सिय नत्थि। म ५१. [प्र. ] भगवन् ! जिस जीव के मोहनीयकर्म होता है, क्या उसके आयुष्यकर्म होता है, और %2 जिसके आयुष्यकर्म होता है, क्या उसके मोहनीयकर्म होता है ?
[उ. ] गौतम ! जिस जीव के मोहनीयकर्म है, उसके आयुष्यकर्म अवश्य होता है, जिसके # आयुष्यकर्म है, उसके मोहनीयकर्म कदाचित् होता है, कदाचित् नहीं भी होता। | भगवती सूत्र (३)
(298)
Bhagavati Sutra (3)
555555555555555555555555555555555555555555555558
195
))
))))
)
)))
))
)
)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org