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[उ.] गौतम ! एक द्रव्य, प्रयोग-परिणत होता है अथवा मिश्रपरिणत होता है, अथवा ॥ वित्रसा-परिणत होता है।
49. (Q.) Bhante ! Is a single substance prayoga parinat (consciously transformed), mishra parinat (jointly transformed) or visrasa parinat (naturally transformed)?
(Ans.] Gautam ! A single substance could be prayoga parinat (consciously transformed), or mishra parinat (jointly transformed) or visrasa parinat (naturally transformed).
५०. [प्र. ] जइ पयोगपरिणए किं मणप्पयोगपरिणए, वइप्पयोगपरिणए, कायप्पयोगपरिणए ?
[उ. ] गोयमा ! मणप्पयोगपरिणए वा, वइप्पयोगपरिणए वा, कायप्पयोगपरिणए वा। ___ ५०. [प्र. ] भगवन् ! यदि एक द्रव्य प्रयोग-परिणत होता है, तो क्या वह मनःप्रयोगपरिणत होता है, वचन-प्रयोग-परिणत होता है अथवा कायप्रयोग-परिणत होता है ?
[उ.] गौतम ! वह मनःप्रयोगपरिणत होता है या वचन-प्रयोग-परिणत होता है अथवा कायप्रयोगपरिणत होता है।
50. (Q.) Bhante ! If a substance is prayoga parinat (consciously transformed), then is it transformed due to conscious activity of mind (manah-prayoga parinat), conscious activity of speech (vachan-prayoga parinat) or conscious activity of body (kaaya-prayoga parinat)?
[Ans.] Gautam ! It could be transformed either due to conscious activity of mind (manah-prayoga parinat), or conscious activity of speech (vachan-prayoga parinat) or conscious activity of body (kaaya-prayoga parinat).
५१. [प्र.] जइ मणप्पयगपरिणए किं सच्चमणप्पओगपरिणए ? मोसमणप्पयोगपरिणए ? सच्चामोसमणप्पयोगपरिणए ? असच्चामोसमणप्पयोगपरिणए ? __ [उ.] गोयमा ! सच्चमणप्पयोगपरिणए वा, मोसमणप्पयोग० वा, सच्चामोसमणप्प०, असच्चामोसमणप्प० वा।
५१. [प्र.] भगवन् ! यदि एक द्रव्य मनःप्रयोग-परिणत होता है तो क्या वह सत्यमन-प्रयोग-परिणत होता है, अथवा मृषा-मनःप्रयोगपरिणत होता है, या सत्य-मृषा-मनः प्रयोग-परिणत होता है, या असत्यामृषा-मनःप्रयोग-परिणत होता है? ___ [उ. ] गौतम ! वह सत्यमनःप्रयोगपरिणत होता है, अथवा मृषामनःप्रयोगपरिणत होता है, या सत्य-मृषामनःप्रयोगपरिणत होता है या फिर असत्यामृषामनःप्रयोग-परिणत होता है।
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अष्टम शतक : प्रथम उद्देशक
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Eighth Shatak: First Lesson
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