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४६. [प्र. ] भगवन् ! मिश्रपरिणत पुद्गल कितने प्रकार के हैं ? __ [उ. ] गौतम ! पाँच प्रकार के हैं। यथा-एकेन्द्रिय-मिश्रपरिणत पुद्गल यावत् पंचेन्द्रियमिश्रपरिणत पुद्गल।
46. [Q.) Bhante ! How many types of mishra parinat pudgala (jointly 41 transformed matter) are there?
[Ans.) Gautam ! They are of five types—Ekendriya mishra parinat pudgala (matter jointly transformed or bodies of one-sensed beings)... and so on up to... panchendriya mishra parinat pudgala (matter jointly transformed as bodies of five-sensed beings).
४७. [प्र. ] एगिदियमीसापरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता ? । [उ. ] गोयमा ! एवं जहा पओगपरिणएहिं नव दंडगा भणिया एवं मीसापरिणएहि वि नव दंडगा भाणियब्वा, तहेव सव्वं निरवसेसं, नवरं अभिलावो 'मीसापरिणया' भाणियव्वं, सेसं तं चेव, जाव जे पज्जत्तासवट्ठसिद्धअणुत्तरो० जाव आययसंठाणपरिणया वि।
४७. [प्र. ] भगवन् ! एकेन्द्रिय मिश्रपरिणत पुद्गल कितने प्रकार के हैं ?
[उ.] गौतम ! जिस प्रकार प्रयोगपरिणत पुद्गलों के विषय में नौ दण्डक कहे हैं, उसी प्रकार मिश्र-परिणत पुद्गलों के विषय में भी नौ दण्डक कहने चाहिए; और सारा वर्णन उसी प्रकार करना ॐ चाहिए। विशेषता यह है कि प्रयोग-परिणत के स्थान पर मिश्र-परिणत कहना चाहिए। शेष समस्त
वर्णन पूर्ववत् करना चाहिए; यावत् जो पुद्गल पर्याप्त-सर्वार्थसिद्ध-अनुत्तरौपपातिक हैं, वे यावत् आयत-संस्थानरूप से भी परिणत हैं।
47. (Q.) Bhante ! How many types of ekendriya mishra parinat pudgala (matter jointly transformed as bodies of one-sensed beings) are there?
(Ans.] Gautam ! Like nine aforesaid sections about consciously transformed matter, nine sections about jointly transformed matter should be stated following the same pattern. The only difference being that instead of consciously transformed matter' jointly transformed matter' should be stated. All the remaining text is to be repeated as 45 aforesaid up to—The matter particles (pudgala) that are paryaptak si Sarvarthasiddha Anuttaraupapatik... and so on up to... transformed also as attributes of rectangular constitution. विलसापरिणत पुद्गलों के भेद-प्रभेद TYPES OF NATURAL TRANSFORMATION
४८. [प्र. ] वीससापरिणया णं भंते ! पोग्गला कइविहा पण्णत्ता ?
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अष्टम शतक: प्रथम उद्देशक
(497)
Eighth Shatak : First Lesson 85555555555555步步步步步步步步步步步牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙5日
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