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45 audarik-taijas-karman prayoga parinat pudgala) are also consciously 4i transformed as attributes including colour. जी ४१. एवं जहाऽऽणुपुब्बीए नेयव्वं जस्स जइ सरीराणि जाव जे, + पज्जत्तासवट्ठसिद्ध-अणुत्तरोववाइयदेव-पंचिंदियवेउब्बिय- तेया-कम्मासरीर जाव परिणया ते वण्णओ ! # कालवण्णपरिणया वि जाव आयतसंठाणपरिणया वि। दंडगा ७।
४१. इस प्रकार यथानुक्रम से (सभी जीवों के विषय में) जानना चाहिए। जिसके जितने शरीर हों, # उतने कहने चाहिए; यावत् जो पुद्गल पर्याप्त-सर्वार्थसिद्ध अनुत्तरौपपातिक देव-पंचेन्द्रिय-वैक्रिय5 तैजस-कार्मण-शरीर प्रयोग परिणत हैं, वे वर्ण से काले वर्ण के रूप में, यावत् संस्थान से भ आयतसंस्थानरूप में परिणत हैं। [ सातवां दण्डक पूर्ण हुआ।]
41. All the remaining (aforesaid) follow the same pattern... and so on up to... The matter particles (pudgala) that are paryaptak Sarvarthasiddha Anuttaraupapatik Kalpateet dev panchendriya vaikriya, taijas and karman sharira prayoga parinat pudgala (matter consciously transformed as five sensed transmutable, fiery and karmic bodies of Sarvarthasiddha Anuttaraupapatik divine beings beyond the Kalps) all are, in fact, consciously transformed also as attributes of black colour... and so on up to... rectangular constitution. [Seventh Dandak Concluded] अष्टम दण्डक EIGHTH DANDAK
(इस दण्डक में इन्द्रिय तथा वर्णादि के सम्बन्ध में कथन है।)
[This section describes the aforesaid beings in context of sense organs and constitution including colour.]
४२. [१] जे अपज्जत्ता सुहुमपुढविकाइयएगिंदिय-फासिंदियपयोग-परिणया ते वण्णओ कालवण्णपरिणया जाव आययसंठाणपरिणया वि।[ २ ] जे पज्जत्तासुहुमपुढवि० एवं चेव।
४२. [१] जो पुद्गल अपर्याप्तक सूक्ष्मपृथ्वीकायिक-एकेन्द्रिय-स्पर्शेन्द्रिय-प्रयोग-परिणत हैं, वे वर्ण से काले वर्ण के रूप में परिणत हैं, यावत् संस्थान से आयत-संस्थान के रूप में परिणत हैं। [२]
जो पुद्गल पर्याप्तक-सूक्ष्म-पृथ्वीकायिक-एकेन्द्रिय-स्पर्शेन्द्रिय-प्रयोग परिणत हैं, वे भी इसी प्रकार ॐ जानने चाहिए।
42. [1] The matter particles (pudgala) that are consciously transformed as underdeveloped sense organ of touch of bodies of minute one-sensed-earth-bodied beings (aparyaptak sukshma prithvikaayik ekendriya sparshanendriya prayoga parinat pudgala) are, in fact, consciously transformed also as attributes of black colour... and so on up
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Bhagavati Sutra (2)
| भगवती सूत्र (२) 95555555555555555555555555555555555558
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