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छठा शतक :छठा उद्देशक SIXTH SHATAK (Chapter Six) : SIXTH LESSON
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HOU BHAVYA (WORTHY OF LIBERATION) पृथ्वियाँ और अनुत्तर विमान HELLS AND ANUTTAR VIMAAN
१. [प्र. १ ] कइ णं भंते ! पुढवीओ पण्णत्ताओ ? [उ. ] गोयमा ! सत्त पुढवीओ पण्णत्ताओ, तं जहा-रयणप्पभा जाव तमतमा। १. [प्र. १ ] भगवन् ! पृथ्वियाँ कितनी हैं ?
[उ.] गौतम ! पृथ्वियाँ सात हैं। यथा-रत्नप्रभा यावत् [शर्कराप्रभा, वालुकाप्रभा, पंकप्रभा, धूमप्रभा, तमःप्रभा] तमस्तमःप्रभा। __ 1.[Q. 1] Bhante ! How many hells (prithvi) are there ?
[Ans.] Gautam ! There are seven hells-Ratnaprabha... and so on up to... (Sharkaraprabha, Balukaprabha, Pankaprabha, Dhoom-prabha,
Tamah-prabha and) Tamstamah-prabha. ॐ [२] रयणप्पभाईणं आवासा भाणियव्वा जाव अहेसत्तमाए। एवं जे जत्तिया आवासा ते __ भाणियब्वा जाव।
[२] रत्नप्रभा पृथ्वी से लेकर अधःसप्तमी (तमस्तमःप्रभा) पृथ्वी तक, जिस पृथ्वी के जितने आवास हों, उतने कहने चाहिए यावत्।
[2] From Ratnaprabha Prithvi to Adhah-saptami (Tamstamahprabha) the number of abodes in each hell respectively should be mentioned.
२. [प्र. ] कइ णं भंते ! अणुत्तरविमाणा पण्णत्ता ? [उ. ] गोयमा ! पंच अणुत्तरविमाणा पण्णत्ता, तं जहा-विजए जाव सव्वट्ठसिद्धे। २. [प्र. ] भगवन् ! अनुत्तर विमान कितने हैं ?
[उ.] गौतम ! पाँच अनुत्तरविमान हैं। यथा-विजय, वैजयन्त, जयन्त, अपराजित और सर्वार्थसिद्ध विमान।
2. (Q.) Bhante ! How many Anuttar Vimaans are there?
[Ans.] Gautam ! There are five Anuttar Vimaans (matchless celestial ॐ vehicles or divine realms)-Vijaya, Vaijayant, Jayant, Aparajit and 卐 Sarvarthasiddha Vimaan. .
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छठा शतक : छठा उद्देशक
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Sixth Shatak : Sixth Lesson
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