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[Ans.] Yes, Gautam ! It is so.
[Q. 2] Bhante ! Is it (aforesaid activities of clouds ) done by a Dev, Asur or Naag (classes of divine beings)?
[Ans.] Yes, Gautam ! It is done by a Dev only and not by an Asur or a Naag.
२४. [ प्र. ] अत्थि णं भंते ! कण्हराईसु बादरे थणियसद्दे ?
[उ. ] जहा ओराला (सु. २३) तहा।
२४. [ प्र. ] भगवन् ! क्या कृष्णराजियों में बादर स्तनित शब्द है ?
[उ.] गौतम ! जिस प्रकार उदार मेघों के विषय में कहा है, उसी प्रकार इनका भी कथन करना चाहिए। (अर्थात्-कृष्णराजियों में बादर स्तनित शब्द हैं और उसे देव करता है, किन्तु असुरकुमार या नागकुमार नहीं करता ।)
24. [Q. 1] Bhante ! In krishna-rajis is there loud thundering sound ? [Ans.] What has been said about clouds should be repeated here. (It is done by a Dev only and not by an Asur or a Naag)
२५. [.] अत्थि णं भंते ! कण्हराईसु बादरे आउकाए, बादरे अगणिकाए, बायरे वणरसइकाए ?
[ उ. ] णो इणट्ठे समट्ठे, णऽण्णत्थ विग्गहगतिसमावन्नएणं ।
२५. [ प्र. ] भगवन् ! क्या कृष्णराजियों में बादर अप्काय, बादर अग्निकाय और बादर वनस्पतिकाय है ?
[ उ. ] गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है । यह निषेध विग्रहगतिसमापन्न जीवों के विषय में नहीं है।
25. [Q.] Bhante ! Do krishna-rajis contain gross (baadar) earth-bodies and gross fire-bodies ?
[Ans.] Gautam ! That is not so. However, this negation is not for bodies with oblique movement (vigrahagati samapanna).
२६. [ प्र. ] अत्थि णं भंते ! कण्हराईसु चंदिम-सूरिय० ४ ?
[उ. ] णो इणट्ठेसयट्ठे ।
२७. [ प्र. ] अत्थि णं कण्हराईसु चंदाभा ति वा २ ?
[ उ. ] णो इणट्ठे समट्ठे ।
२६. [ प्र. ] भगवन् ! क्या कृष्णराजियों में चन्द्रमा, सूर्य, ग्रहगण, नक्षत्र और तारारूप हैं ?
[ उ. ] गौतम ! यह अर्थ समर्थ नहीं है ।
भगवती सूत्र ( २ )
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Bhagavati Sutra (2)
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