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________________ 55555555555555555555555555555555555 अनुक्रमणिका पंचम शतक : प्रथम उद्देशक : रवि ३-२३ पंचम शतक की संग्रहणी गाथा जम्बूद्वीप में सूर्यों का उदय-अस्त जम्बूद्वीप में दिवस और रात्रि का कालमान वर्षा ऋतु का प्रथम समय हेमन्त आदि ऋतुएँ और अयनादि सूर्य के उदय-अस्त तथा दिवस-रात्रि का विचार १९ छद्मस्थ और केवली का ज्ञान केवली के प्रकृष्ट मन, वचन को जानने-देखने ___में समर्थ वैमानिक देव अनुत्तरौपपातिक देवों की मनःशक्ति केवली इन्द्रियों से नहीं जानते-देखते केवली भगवान का अस्थिर काययोग चतुर्दश पूर्वधारी का लब्धि-सामर्थ्य १५ ७२ ७७ ७९ पंचम शतक : द्वितीय उद्देशक : अनिल २४-३४ पंचम शतक : पंचम उद्देशक : छद्मस्थ ७४-७८ स्निग्ध पथ्यादि वायु २४ क्या छद्मस्थ सिद्ध हो सकता है? ७४ वायु का स्वरूप एवम्भूत-अनेवम्भूतवेदना ७४ ओदन आदि के शरीर अवसर्पिणी में हुए कुलकर आदि लोह आदि के शरीर ३१ अस्थि आदि के शरीर पंचम शतक : छठा उद्देशक : आयुष्य ७९-९८ लवणसमुद्र की स्थिति ३३ अल्पायु और दीर्घायु के कारण विक्रेता और क्रेता को लगने वाली क्रियाएँ पंचम शतक : तृतीय उद्देशक : ग्रन्थिका ३५-४१ अग्निकाय : महाकर्म या अल्पकर्म आयुबन्ध विषयक अन्यतीर्थिकों की मान्यताएँ ३५ धनुष चलाने से लगने वाली क्रियाएँ आयुष्य सहित गति विचार अन्यतीर्थियों की मिथ्या प्ररूपणा आधाकर्मादि आहार का फल पंचम शतक : चतुर्थ उद्देशक : शब्द ४२-७३ आचार्य-उपाध्याय की गति शब्द-श्रवण की सीमा मिथ्यादोषारोपणकर्ता के दुष्कर्मबन्ध छद्मस्थ व केवली का हँसना व निद्रा लेना ४५ हरिनैगमेषी की गर्भ-संहरण क्षमता पंचम शतक: सप्तम उद्देशक: एजन ९९-१३० गर्भ-संहरण का तरीका ५० परमाणुपुद्गल का कम्पन ९९ अतिमुक्तक मुनि ५१ परमाणुपुद्गलों में छेदन आदि १०१ दो देवों के मनोगत प्रश्न ५४ परमाणुपुद्गलादि के विभाग १०४ देवों को 'नो-संयत' कहना ५८ परमाणुपुद्गलों की परस्पर स्पर्शना १०७ देवों की भाषा : अर्ध-मागधी ६० परमाणुपुद्गलों की काल स्थिति ११२ ३८ ४९ (11) 牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙功%%%%%%%%%%5555555 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002903
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages654
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_bhagwati
File Size20 MB
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