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देशों से एकदेश को स्पर्श नहीं करता, (५) बहुत देशों से बहुत देशों को स्पर्श नहीं करता, (६) बहुत
देशों से सभी को स्पर्श नहीं करता, (७) न सर्व से एकदेश को स्पर्श करता है, (८) न सर्व से बहुत 9 देशों को स्पर्श करता है, अपितु (९) सर्व से सर्व को स्पर्श करता है। ___11. [Q. 1] Bhante ! When a paramanu-pudgal (ultimate particle of matter) touches another paramanu-pudgal (ultimate particle of matter) does it touch-(1) one section (desh) by one section ? (2) many sections by one section ? (3) all sections (or whole) by one section ? (4) one section by
many sections ? (5) many sections by many sections ? (6) all sections by ॐ many sections ? (7) one section by all sections ? (8) many sections by all sections ? or (9) all sections by all sections ?
(Ans.] Gautam ! (When a paramanu-pudgal touches another paramanu-pudgal it touches-(1) neither one section (desh) by one section, (2) nor many sections by one section, (3) nor all sections (or whole) by one section, (4) nor one section by many sections, (5) nor many sections by many sections, (6) nor all sections by many sections, (7) nor one section by all sections, and (8) nor many sections by all sections. But it touches (9) all sections by all sections.
[२ ] एवं परमाणुपोग्गले दुपदेसियं फुसमाणं सत्तम-णवमेहिं फुसति। [३] परमाणुपोग्गले तिपदेसियं फुसमाणे निप्पच्छिमएहिं तिहिं पुसति। [४ ] जहा परमाणुपोग्गलो तिपदेसियं फुसाविओ एवं फुसावेयव्यो जाव अणंतपदेसिओ।
[ २ ] इसी प्रकार द्विप्रदेशी स्कन्ध को स्पर्श करता हुआ परमाणुपुद्गल सातवें (सर्व से एकदेश का) म अथवा नौवें (सर्व से सर्व का), इन दो विकल्पों से स्पर्श करता है।
[३] त्रिप्रदेशी स्कन्ध को स्पर्श करता हुआ परमाणुपुद्गल (उपर्युक्त नौ विकल्पों में से) अन्तिम म तीन विकल्पों (अर्थात्-(७) सर्व से एकदेश को, (८) सर्व से बहुत देशों को, और (९) सर्व से सर्व को
स्पर्श करता है।) म [४ ] जिस प्रकार एक परमाणुपुद्गल द्वारा त्रिप्रदेशी स्कन्ध के स्पर्श करने का आलापक कहा है,
उसी प्रकार एक परमाणुपुद्गल से चतुष्प्रदेशीस्कन्ध, पंचप्रदेशीस्कन्ध यावत् संख्यातप्रदेशी स्कन्ध, ॐ असंख्यातप्रदेशीस्कन्ध एवं अनन्तप्रदेशीस्कन्ध तक को स्पर्श करने का आलापक कहना चाहिए। + (अर्थात्-एक परमाणुपुद्गल अनन्तप्रदेशी स्कन्ध तक को तीन विकल्पों से स्पर्श करता है।)
[2] In the same way a paramanu-pudgal touches an aggregate of two pradeshas (paramanu-pudgal) according to either the seventh (one section by all sections) or the ninth alternative (all sections by all sections) (from among the aforesaid nine alternatives).. | भगवती सूत्र (२)
Bhagavati Sutra (2) 8955555555555555555555))58
895955555555555555555555555555555555555
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