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चित्र परिचय ४
(२) आधिकरणिकी - बाण हाथ में लेकर धनुष पर चढ़ाना।
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(३) प्राद्वेषिकी किसी लक्ष्य को वेधने के लिए धनुष पर बाण चढ़ाकर डोरी कान तक खींचकर वाण को फ्र लक्ष्य पर छोड़ना ।
महाक्रिया अल्पक्रिया तथा पाँच क्रियाएँ
महाक्रिया - अल्पक्रिया - अग्नि को प्रज्वलित करता हुआ व्यक्ति कर्मबन्ध की दृष्टि से महाक्रिया करने वाला
है प्रज्वलित अग्नि को बुझाना कर्मबन्ध की दृष्टि से अल्पक्रिया है। अग्नि जब राख हो जाती है तब वह कर्मादि । रहित हो जाती है।
धनुष चलाने वाले को क्रिया- धनुष पर बाण चढ़ाकर बाण फैंक कर जीव वध करने तक की क्रिया में पाँचों क्रियाएँ इस क्रम से होती हैं।
(१) कायिकी क्रिया - बाण को हाथ से स्पर्श करना या हाथ में ग्रहण करना ।
Illustration No. 4
(४) पारितापनिकी - ( ५ ) प्राणातिपातिकी - बाण छोड़कर किसी जीव आदि को परिताप पहुँचाना तथा उसकी घात कर देना।
धनुष पर बाण चढ़ाकर फैंकने वाला इन क्रियाओं से पाप का भागी होता है।
- शतक ५, उ. ६, सूत्र ९, १०
INTENSE AND MILD INVOLVEMENT AND FIVE ACTIVITIES Intense and mild involvement-In context of bondage a person igniting fire is involved in act of intense bondage. To extinguish a fire is involvement in act of mild bondage. Finally when the fire turns into ash it does not entail any bondage of karmas.
Involvement in using a bow-Setting an arrow on the bow and launching it to kill an animal entails involvement in five activities in the following order(1) Kaayiki (physical) activity-to touch or pick an arrow.
(2) Aadhikaraniki (activity of collecting instruments of violence ) - To place the so picked arrow on the bow.
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(3) Praadveshiki (activity of harbouring aversion)-to draw the string of 卐 the bow, aim at an object and shoot the arrow.
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(4) Paaritapaniki (activity of inflicting pain) and (5) pranatipatiki 5
(activity of killing a living being)-to torment or kill a living being by launching the arrow.
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A person shooting something with a bow and arrow gets involved in these sinful activities.
—Shatak-5, lesson 6, Sutra-9, 105
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