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[प्र. ] भगवन् ! नारक जीवों द्वारा कितने प्रकार के पुद्गल चय किये जाते हैं ? [उ. ] गौतम ! आहारद्रव्यवर्गणा की अपेक्षा दो प्रकार के पुद्गल चय किये जाते हैं। यथा-अणु और बादर (२)। इसी प्रकार उपचय समझना (३)। [प्र. ] भगवन् ! नारक जीव कितने प्रकार के पुद्गलों की उदीरणा करते हैं ?
[उ. ] गौतम ! कर्मद्रव्यवर्गणा की अपेक्षा दो प्रकार के पुद्गलों की उदीरणा करते हैं। यथा-अणु और बादर (४)। शेष पद भी इसी प्रकार कहने चाहिए-वेदते हैं (५), निर्जरा करते हैं (६), अपवर्तन को प्राप्त हुए (७), अपवर्तन को प्राप्त हो रहे हैं (८), अपवर्तन को प्राप्त करेंगे (९), संक्रमण किया (१०), संक्रमण करते हैं (११), संक्रमण करेंगे (१२), निधत्त हए (१३), निधत्त होते हैं (१४), निधत्त होंगे (१५), निकाचित हुए (१६), निकाचित होते हैं (१७), निकाचित होंगे (१८), इन सब पदों में भी है कर्मद्रव्यवर्गणा की अपेक्षा (अणु और बादर पुद्गलों का कथन करना चाहिए।)।
गाथार्थ-भेदे गये, चय को प्राप्त हुए, उपचय को प्राप्त हुए, उदीर्ण हुए, वेदे गये और निर्जीर्ण हुए (इसी प्रकार) अपवर्तन, संक्रमण, निधत्तन और निकाचन, (इन पिछले चार) पदों में भी तीनों प्रकार का काल कहना चाहिए।
(1-Q. 6] Bhante ! How many types of matter do the infernal beings pierce (bhedan)? ___ [Ans.] Gautam ! In terms of karmic group of matter (karma dravya vargana) two types of matter is pierced-anu (subtle) and baadar (gross) (1).
(Q.) Bhante ! How many types of matter do the infernal beings assimilate (chaya)?
(Ans.] Gautam ! In terms of ingestable group of matter (ahaar dravya vargana) two types of matter is assimilated-anu (subtle) and baadar (gross)(2). The same is true for augmentation (upachaya) (3).
(Q.) Bhante ! How many types of matter do the infernal beings fructify (udirana)?
[Ans.] Gautam ! In terms of karmic group of matter (karma dravya vargana) two types of matter is pierced-anu (subtle) and baadar ॥ (gross) (4). The remaining actions should also be repeated likewiseexperience (vedan) (5), shed (nirjara) (6), underwent reduction (apavartana) (7), undergoing reduction (8), will undergo reduction (9), underwent transformation (sankramana) (10), undergoing transformation (11), will undergo transformation (12), underwent partial intransigence (nidhatt) (13), undergoing partial intransigence (14), will i indergo partial intransigence (15), underwent intransigence (nikachit)
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प्रथम शतक: प्रथम उद्देशक
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First Shatak : First Lesson
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