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की तरह, यावत् (रायपसेणिय में वर्णित) 'अभिषेक' (वर्णन) तक कहना चाहिए। इसी प्रकार राजधानी और यावत् प्रासादों की पंक्तियों के विषय में समझना चाहिए।
5. [Q. 1] Bhante ! What is the location of the mahavimaan (great celestial vehicle) named Varashisht belonging to Yama Maharaj, the Lokpal of Devendra Shakra, the overlord of gods?
[Ans.) To the south of Saudharmavatamsak Mahavimaan, on going innumerable Yojans away from Saudharma Kalp, comes the mahavimaan (great celestial vehicle) named Varashisht belonging to Yama Maharaj, the Lok-pal of Devendra Shakra, the overlord of gods. Its length-breadth (ayam-vishkambh) is 1.25 million Yojans. Other details should be repeated as mentioned about the vimaan of Soma Maharaj... and so on up to... anointing (from Rajaprashniya Sutra). In the same way the description of the capital city should be repeated... and so on up to... the rows of mansions.
[२] सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो इमे देवा आणाइ जाव चिटुंति, तं जहाजमकाइया इ वा, जमदेवकाइया इ वा, पेयकाइया इ वा, पेयदेवयकाइया इ वा, असुरकुमारा असुरकुमारीओ, कंदप्प निरयवाला आभिओगा जे यावन्ने तहप्पगारा सवे ते तब्भत्तिआ, तप्पक्खिआ तब्भारिया सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो जमस्स महारण्णो आणाए जाव चिटुंति। __ [२] देवेन्द्र देवराज शक्र के लोकपाल यम महाराज की आज्ञा, सेवा, वचन-पालन और निर्देश में ये देव रहते हैं, यथा-यमकायिक (सामानिक देव), यमदेवकायिक (यमदेव के पारिवारिक देव), प्रेतदेवकायिक, असुरकुमार-असुरकुमारियाँ, कन्दर्प (क्रीड़ाशील देव), निरयपाल (नरकपाल), आभियोग (आदेशवर्ती); ये और इसी प्रकार के वे सब देव, जो उस (यम) की भक्ति में तत्पर हैं, उसके पक्षधर तथा उससे भरण-पोषण पाने वाले तदधीन भृत्य (सेवक) या उसके कार्यभारवाहक हैं। ये सब यम महाराज की आज्ञा में निर्देश रहते हैं। __ [2] Under the command, attendance, order and direction of Yama Maharaj, the Lok-pal of Devendra Shakra, the overlord of gods are following gods-Yama-kayik (Samanik gods), Yamadev-kayik (family members), Pret-dev kayik, Asur Kumars and Asur Kumaris, Kandarp (playful gods), Narak-pals (guardians of hell), and Aabhiyoga (attendant gods). These and other such gods devoted to him (Yama), supporting him and dependent on him live under his command, attendance, order and direction.
[३] जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं जाइं इमाइं समुप्पज्जंति, तं जहा-डिया इ वा, डमरा इ वा, कलहा इ वा, बोला इ वा, खारा इ वा, महाजुद्धा इ वा, महासंगामा इ वा, महासत्थनिवडणा
भगवतीसूत्र (१)
(500)
Bhagavati Sutra (1)
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