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तृतीय शतक : चतुर्थ उद्देशक THIRD SHATAK (Chapter Three) : FOURTH LESSON
यान YAAN VEHICLE) अनगार की वैक्रियशक्ति POWER OF TRANSMUTATION OF AN ASCETIC
१. [प्र. ] अणगारे णं भंते ! भावियप्पा देवं वेउब्वियसमुग्याएणं समोहयं जाणरूवेणं जायमाणं जाणइ पासइ ?
[उ. ] गोयमा ! अत्थेगइए देवं पासइ, णो जाणं पासइ १, अत्थेगइए जाणं पासइ, नो देवं म पासइ २; अत्थेगइए देवं पि पासइ, जाणं पि पासइ ३; अत्थेगइए नो देवं पासइ, नो जाणं पासइ ४।।
१. [प्र. ] भगवन् ! क्या भावितात्मा अनगार, वैक्रियसमुद्घात से समवहत-(उत्तर वैक्रियशरीर 卐 की रचना करके) यान में बैठकर जाते हुए देव को जानता-देखता है ? 3 [उ. ] गौतम ! (१) कोई (अनगार) देव को तो देखता है, किन्तु यान को नहीं देखता; (२) कोई ॐ यान को देखता है, किन्तु देव को नहीं देखता; (३) कोई देव को भी देखता है और यान को भी देखता * है; (४) कोई न देव को देखता है और न यान को देखता है। म 1. [Q.] Bhante ! Does a sagacious ascetic (Bhaavitatma Anagar) see
and know a god going in a celestial vehicle (yaan) created by his power of ___transmutation (Vaikriya Samudghat)?
(Ans.) Gautam ! (1) Some ascetic sees the god but not the vehicle; (2) Some ascetic sees the vehicle but not the god; (3) Some ascetic sees the god as well as the vehicle; (4) Some ascetic neither sees the god nor the vehicle.
२. [प्र. ] अणगारे णं भंते ! भावियप्पा देविं वेउब्वियसमुग्घाएणं समोहयं जाणरूवेणं जायमाणिं जाणइ पासइ ? .
[उ. ] गोयमा ! एवं चेव।
२. [प्र. ] भगवन् ! क्या भावितात्मा अनगार, वैक्रियसमुद्घात करके और यानरूप से जाती हुई देवी को जानता-देखता है ? _[उ. ] गौतम ! जैसा देव के विषय में कहा, वैसा ही देवी के विषय में भी जानना चाहिए।
2. [Q.] Bhante ! Does a sagacious ascetic (Bhaavitatma Anagar) see and know a goddess going in a celestial vehicle (yaan) created by his Hi power of transmutation (Vaikriya Samudghat)?
| भगवर्त:सूत्र (१)
(458)
Bhagavati Sutra (1) |
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