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5மிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிததமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமி
[Q. 2] Bhante ! Why is it said to be so ?
[Ans.] Gautam ! Just as certain part of a palm is slightly higher and
better and another part is slightly lower and inferior, so should be taken for the celestial vehicles of Shakrendra and Ishanendra. That is why it is said to be so.
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दोनों इन्द्रों का शिष्टाचार COURTESY OF THE TWO INDRAS
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४५. [प्र.१] पभू णं भंते ! सक्के देविंदे देवराया ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो अंतियं
5 पाउन्भवित्तए ?
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[उ. ] हंता, पभू ।
४५. [ प्र. १ ] भगवन् ! क्या देवेन्द्र देवराज शक्र, देवेन्द्र देवराज ईशान के पास प्रकट होने (जाने) में समर्थ है ?
[उ.] हाँ, गौतम ! शक्रेन्द्र ईशानेन्द्र के पास आने में समर्थ है।
45. [Q. 1] Bhante ! Is Devendra Shakra, the Indra (overlord) of Devs ( gods) capable of appearing before Ishanendra, the Indra (overlord) of Devs (gods) ?
[Ans.] Yes, Gautam ! Shakrendra is capable of appearing before Ishanendra.
[प्र. २] से णं भंते! किं आढायमाणे पभू, अणाढायमाणे पभू ?
[उ. ] गोयमा ! आढायमाणे पभू, नो अणाढायमाणे पभू ।
[प्र. २ ] भगवन् ! (जब शक्रेन्द्र, ईशानेन्द्र के पास जाता है तो) क्या वह आदर करता हुआ आता है, या अनादर करता हुआ आता है ?
[उ. ] हे गौतम ! वह उसका ( ईशानेन्द्र का) आदर करता हुआ आता है, किन्तु अनादर करता हुआ नहीं।
5 पाउब्भवित्तए ?
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[Q. 2] Bhante ! ( When Shakrendra comes to Ishanendra) Does he come showing respect? Or does he come showing disrespect?
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[Ans.] Gautam ! He comes showing respect and not disrespect (to Ishanendra).
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卐 ४६. [प्र. १ ] पभू णं भंते ! ईसाणे देविंदे देवराया सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो अंतियं
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5 भगवतीसूत्र (१)
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[उ. ] हंता, पभू ।
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Bhagavati Sutra (1)
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