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धर्मास्तिकाय आदि का प्रमाण DIMENSIONS OF DHARMASTIKAYAAND OTHERS
१३. [प्र. १] धम्मत्थिकाए णं भंते ! के महालए पण्णत्ते ? [उ. ] गोयमा ! लोए लोयमेत्ते लोयप्पमाणे लोयफुडे लोयं चेव फुसित्ताणं चिट्ठइ। १३. [प्र. १ ] भगवन् ! धर्मास्तिकाय कितना बड़ा है ? [उ. ] गौतम ! धर्मास्तिकाय लोकरूप है, अर्थात् लोकमात्र है, लोक-प्रमाण है, लोक से स्पृष्ट है
और लोक को ही स्पर्श करके रहा रहा हुआ। 4i 13. (Q. 1] Bhante ! How large is Dharmastikaya (motion entity)?
[Ans.] Gautam ! Dharmastikaya (motion entity) is like Lok (Lokॐ matra), it is as large as Lok (Lok-praman), it is touched by Lok (Lok+ sprisht) and it exists touching Lok.
[ २ ] एवं अधम्मत्थिकाए, लोयागासे, जीवत्थिकाए, पोग्गलत्थिकाए। पंच वि एक्काभिलावा।
[ २ ] इसी प्रकार अधर्मास्तिकाय, लोकाकाश, जीवास्तिकाय और पुद्गलास्तिकाय के सम्बन्ध में भी समझ लेना चाहिए। इन पाँचों के सम्बन्ध में एक समान अभिलाप (पाठ) है। ___ [2] The same holds good for Adharmastikaya (inertia entity), fi Lokakash (occupied space), Jivastikaya (soul entity) and Pudgalastikaya
(matter entity). The same statement should be repeated for these five. 5 धर्मास्तिकाय आदि की स्पर्शना TOUCH OF DHARMASTIKAYA AND OTHERS
१४. [प्र. ] अहोलोए णं भंते ! धम्मत्थिकायस्स केवइयं फुसति ? ___ [उ. ] गोयमा ! सातिरेगं अद्धं फुसइ।
१४. [प्र. ] भगवन् ! धर्मास्तिकाय के कितने भाग को अधोलोक स्पर्श करता है ? [उ. ] गौतम ! अधोलोक धर्मास्तिकाय के आधे से कुछ अधिक भाग को स्पर्श करता है।
14. (Q.) Bhante ! What portion of Dharmastikaya (motion entity) is touched by the lower world (Adholok)? ।
(Ans.) Gautam ! The lower world (Adholok) touches slightly more 5 than half of Dharmastikaya (motion entity).
१५.[प्र. ] तिरियलोए णं भंते ! पुच्छा०। [ उ. ] गोयमा ! असंखेज्जइभागं फुसइ। १५. [प्र. ] भगवन् ! धर्मास्तिकाय के कितने भाग को तिर्यग्लोक स्पर्श करता है ? पृच्छा०। [उ. ] गौतम ! तिर्यग्लोक धर्मास्तिकाय के असंख्येय भाग को स्पर्श करता है।
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द्वितीय शतक : दशम उद्देशक
(335)
Second Shatak : Tenth Lesson
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