SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 39
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ फफफफफफफफफफफ इन्द्र एवं वज्र की ऊर्ध्वादि गति चमरेन्द्र द्वारा कृतज्ञता- प्रदर्शन असुरकुमारों के सौधर्मकल्प गमन का दूसरा कारण प्रमत्तसंयत और अप्रमत्तसंयत लवणसमुद्र में वृद्धि - हानि कारण तृतीय शतक : तृतीय उद्देशक : क्रिया ४४१-४५७ पाँच क्रियाएँ सक्रिय-अक्रिय जीवों की अन्तक्रिया तृतीय शतक : चतुर्थ उद्देशक : यान अनगार की वैक्रिय शक्ति वायुकाय का वैक्रिय रूप मेघ का विविध रूपों में परिणमन उत्पन्न होने योग्य जीवों की लेश्या अनगार की विकुर्वणा शक्ति प्रमादी मनुष्य विकुर्वणा करते हैं तृतीय शतक : पंचम उद्देशक : अनगार विकुर्वणा नगर की विकुर्वणा शक्ति अनगार के अश्वादि रूप विकुर्वणा का फल तृतीय शतक : छठा उद्देशक : अनगार वीर्यfब्ध मिध्यादृष्टि की विकुर्वणा सम्यग्दृष्टि अनगार की विकुर्वणा चमरेन्द्र के आत्मरक्षक तृतीय शतक : सप्तम उद्देशक : लोकपाल शक्रेन्द्र के लोकपाल सोमदेव लोकपाल ४३२ यम लोकपाल का वर्णन वरुण लोकपाल ४३६ वैश्रमण लोकपाल Jain Education International ४३८ ४४१ ४४६ ४५४ ४५६ ४५८ - ४७२ ४५८ ४६१ ४६४ ४६६ ४६८ ४७० ४७३- ४८२ ४७३ ४७८ ४८० ४८३-४९३ ४८३ ४८७ ४९२ ४९४-५१० ४९४ ४९४ तृतीय शतक : अष्टम उद्देशक : अधिपति भवनपति देवों के इन्द्र तृतीय शतक : नवम उद्देशक : इन्द्रिय ५१८-५१९ पंचेन्द्रिय विषयों का निरूपण ४९९ ५०४ ५०७ चतुर्थ शतक : नवम उद्देशक : नैरयिकों की उत्पत्ति - प्ररूपणा नैरयिकों की उत्पत्ति - प्ररूपणा ५११-५१७ तृतीय शतक : दशम उद्देशक : परिषद् ५२०-५२१ इन्द्र परिषद् ५११ ५२० चतुर्थ शतक : प्रथम-द्वितीय - तृतीय- चतुर्थ उद्देशक : ईसाणलोगपालविमाणाणि ५२२-५२४ संग्रहणी गाथा परिशिष्ट शब्दकोष आगमों का अनध्यायकाल प्रकाशित आगम सूची ५२२ चतुर्थ शतक : पंचम - षष्ठ- सप्तम - अष्टम उद्देशक : ईशान - लोकपाल राजधानी ५२५-५२५ लोकपालों की राजधानियाँ ( 31 ) ५१८ For Private & Personal Use Only चतुर्थ शतक : दशम उद्देशक : लेश्या ५२८-५३० लेश्याओं का परिणमन ५२५ ५२६-५२७ ५२६ ५२८ ५३१ ५३३ ५७३ ५७८ फ्र 5 फफफफफफफफ www.jainelibrary.org
SR No.002902
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2005
Total Pages662
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_bhagwati
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy