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) ) [Ans.] No, Gautam ! One section (pradesh) of Dharmastikaya (motion entity) cannot be called Dharmastikaya.
[प्र. २ ] एवं दोण्णि तिण्णि चत्तारि पंच छ सत्त अट्ट नव दस संखेज्जा असंखेज्जा भंते ! धम्मत्थिकायप्पदेसा 'धम्मत्थिकाए' त्ति वत्तव्वं सिया ?
[उ. ] गोयमा ! णो इणढे समढे।
[प्र . २ ] भगवन् ! क्या धर्मास्तिकाय के दो प्रदेशों, तीन प्रदेशों, चार प्रदेशों, पाँच प्रदेशों, छह प्रदेशों, सात प्रदेशों, आठ प्रदेशों, नौ प्रदेशों, दस प्रदेशों, संख्यात प्रदेशों तथा असंख्येय प्रदेशों को 'धर्मास्तिकाय' कहा जा सकता है ?
[उ. ] गौतम ! यह बात भी सम्भव नहीं है।
[Q. 2] Bhante ! Can two, three, four, five, six, seven, eight, nine, ten, countable and innumerable sections (pradeshas) of Dharmastikaya (motion entity) be called Dharmastikaya ?
[Ans.] No, Gautam ! That too is not possible. [प्र. ३ ] एगपदेसूणे वि य णं भंते ! धम्मत्थिकाए ‘धम्मत्थिकाए' त्ति वत्तव्वं सिया ? [उ. ] णो इणटे समढे। [प्र. ३ ] भगवन् ! एक प्रदेश से कम धर्मास्तिकाय को क्या ‘धर्मास्तिकाय' कहा जा सकता है ? [उ. ] गौतम ! एक प्रदेश कम धर्मास्तिकाय को भी धर्मास्तिकाय नहीं कहा जा सकता।
[Q.3] Bhante ! Can less than one section (pradesh) of Dharmastikaya (motion entity) be called Dharmastikaya ? ___ [Ans.] No, Gautam ! Less than one section (pradesh) of Dharmastikaya (motion entity) can also not be called Dharmastikaya. ___ [प्र. ४ ] से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ ‘एगे धम्मत्थिकायपदेसे नो धम्मत्थिकाए त्ति वत्तव्वं सिया जाव (सु. ७) एगपदेसूणे वि य णं धम्मत्थिकाए नो धम्मत्थिकाए त्ति वत्तव्वं सिया ?'
[उ. ] से नूणं गोयमा ! खंडे चक्के ? सगले चक्के ? भगवं ! नो खंडे चक्के ? सगले चक्के ?
एवं छत्ते चम्मे दंडे दूसे आउहे मोयए। से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ-'एगे धम्मत्थिकायपदेसे नो धम्मत्थिकाए त्ति वत्तव्वं सिया जाव एगपदेसूणे वि य णं धम्मत्थिकाए नो धम्मत्थिकाए त्ति वत्तव्यं सिया।'
[प्र. ४ ] भगवन् ! किस कारण से ऐसा कहा जाता है कि धर्मास्तिकाय के एकप्रदेश को यावत् एकप्रदेश कम हो, वहाँ तक उसे धर्मास्तिकाय नहीं कहा जा सकता?
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भगवतीसूत्र (१)
(328)
Bhagavati Sutra (1)
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