________________
ज)45555
听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听55555 55
चित्र परिचय-५
Illustration No.5 मरण के विविध भेद समवसरण में पहुँचकर स्कन्दक ने भगवान से अनेक प्रश्नों के पश्चात् पुनः पूछाभन्ते ! किस मरण से मरने पर जीव संसार को घटाता है ?
भगवान ने कहा-स्कन्दक ! मरण के दो भेद हैं-(१) बालमरण, तथा (२) पण्डितमरण। जिस मरण के साथ किसी प्रकार की भौतिक कामना रहती है, जैसे स्वर्ग-सुखों की अथवा चक्रवर्ती आदि भौतिक ऐश्वर्य 卐 पद की, वह बालमरण है। सर्वथा मोक्ष की भावना के साथ प्राण विसर्जन करने वाले श्रमणों का पण्डितमरण 卐 होता है। पण्डितमरण वाला या तो वैमानिक देव बनकर फिर मोक्ष प्राप्त करता है अथवा सर्वकर्म क्षय कर सीधा मोक्ष में जाता है। आर्त-रौद्र ध्यान के साथ मृत्यु प्राप्त करना भी बालमरण है। उसके १२ भेद हैं
जैसे-(१) बलयमरण (तड़फते हुए मरना), (२) वशार्तमरण (परधीनतापूर्वक या विवश होकर मरना), (३) अन्तःशल्यमरण (हृदय में शल्य रखकर अथवा शरीर में कोई तीखा शस्त्रादि घुस जाने से मरना, (४) तद्भवमरण (मरकर उसी भव में पुनः उत्पन्न होना और मरना), (५) गिरिपतन,
(६) तरुपतन, (७) जल-प्रवेश, (८) ज्वलनप्रवेश (अग्नि में जलकर मरना), (९) विषभक्षण, 9 (१०) शस्त्रावपाटन (शस्त्राघात से मरना), (११) बहानस मरण (गले में फाँसी लगाने या वृक्ष आदि पर
लटकने से मरना), और (१२) गृध्रपृष्ठमरण (गिद्ध आदि पक्षियों द्वारा पीठ आदि शरीरावयवों का माँस खाये जाने से होने वाला मरण)।
-शतक २, उ. १, सूत्र २६-२८ TYPES OF DEATH Coming to Samavasaran, Skandak put various questions to Bhagavan and at last asked-Bhante ! What type of death reduces the cycles of rebirth ?
Bhagavan replied-Skandak there are two kinds of death (1) Baal Maran, and (2) Pundit Maran. Death with some mundane desire, such as for divine pleasures or grandeur of an emperor, is Baal Maran. The death of ascetics who exclusively desire for liberation is Pundit Maran
and it leads either to liberation at once by destroying all karmas or after 4 reincarnation as Vaimanik Dev. Death with sentiments of pathos or anger is also Baal Maran and it is of 12 kinds
(1) Balaya maran (to die writhing), (2) Vashart maran (to die as a slave of man or circumstances), (3) Antah-shalya maran (to die with a mental or physical thorn inside), (4) Tadbhava maran (to die after being reborn in the same genus), (5) Giripatan (to die due to fall from a hill), (6) Tarupatan (to die due to fall from a tree), (7) Jala-pravesh (to die by drowning), (8) Jvalan pravesh (to die by entering into fire), (9) Vish bhakshan (to die by consuming poison), (10) Shastravapatan (to die by a weapon), (11) Vaihanas maran (to die by hanging), and (12) Gridhraprishtha maran (to die due to body parts being pecked and snatched by birds like vulture).
-Shatak 2, lesson 1, Sutra 26-28
步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙口
85555555555555555555555555555)))))
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org