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(Ans.] It is misery when it is non-action and not misery when it is action ? So it should be said.
(7) Non-action is misery, non-touching is misery, non-action where action is required is misery. Not doing that praan (two to four-sensed __beings; beings), bhoot (plant bodied beings; organisms), jiva (five-sensed
beings; souls), and sattva (immobile beings; entities) suffer pain. So it should be said.
स्व-समय पक्ष JAIN VIEW
[प्र.] से कहमेयं भंते ! एवं ? ___ [उ. ] गोयमा ! जं णं ते अनउत्थिया एवमाइक्खंति जाव वेदणं वेदेति इति वत्तव्यं सिया, जे ते
एवमाहुंसु मिच्छा ते एवमाहुँसु। अहं पुण गोतमा ! एवमाइक्खामि-एवं खलु चलमाणे चलिए जाव ॐ निजरिज्जमाणे निज्जिण्णे।
(८) [ प्र. ] दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति। कम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति ? __[उ. ] दोण्हं परमाणुपोग्गलाणं अत्थि सिणेहकाए, तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति, ऊ ते भिज्जमाणा दुहा कजंति, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ परमाणुपोग्गले भवति।।
(९) तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति। [प्र. ] कम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति ?
[उ. ] तिण्हं परमाणुपोग्गलाणं अत्थि सिणेहकाए, तम्हा तिण्णि परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति; ते भिज्जमाणा दुहा वि तिहा वि कजंति, दुहा कज्जमाणा एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ दुपदेसिए खंधे भवति, तिहा कज्जमाणा तिण्णि परमाणुपोग्गला भवंति। एवं जाव चत्तारि।
(१०) पंच परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, साहन्नित्ता खंधत्ताए, कजंति, खंधे वि य णं से म असासते सया समियं उवचिज्जइ य अवचिज्जइ य।
(११) पुव्विं भासा अभासा, भासिज्जमाणी भासा भासा, भासासमयवीतिक्कंतं च णं भासिता भासा अभासा; जा सा पुस्विं भासा अभासा, भासिज्जमाणी भासा भासा, भासासमयवीतिक्कंतं च णं भासिता भासा अभासा।
[प्र. ] सा किं भासतो भासा अभासओ भासा ? [उ. ] भासओ णं सा भासा, नो खलु सा अभासओ भासा।
(१२) पुब्बिं किरिया अदुक्खा जहा भासा तहा भाणितब्ब किरिया वि जाव करणतो णं सा दुक्खा, ॐ नो खलु सा अकरणओ दुक्खा, सेवं वत्तव्वं सिया।
भगवतीसूत्र (१)
(218)
Bhagavati Sutra (1)
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