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५. [ प्र. १
] सत्तमे णं
[ उ. ] गोयमा ! नो गरुए, नो लहुए, गरुयलहुए, नो अगरुयलहुए । [ २ ] एवं सत्तमे घणवाए, सत्तमे घणोदही, सत्तमा पुढवी । [३] ओबासंतराई सव्वाई जहा सत्तमे ओवासंतरे (सु. ४) । [ ४ ] [ सेसा ] जहा तणुवाए। एवं - ओवास वाय घणउदहि पुढवी दीवा य सागरा वासा ।
५. [ प्र. १ ] भगवन् ! सप्तम तनुवात क्या गुरु है, लघु है या गुरु-लघु है अथवा अगुरु-लघु है ?
[ उ. ] गौतम ! वह गुरु नहीं है, लघु नहीं है, किन्तु गुरु-लघु है, अगुरु-लघु नहीं है । [ २ ] इसी प्रकार सप्तम घनवात, सप्तम घनोदधि और सप्तम पृथ्वी के विषय में भी जानना चाहिए। [ ३ ] जैसा सातवें अवकाशान्तर के विषय में कहा है, वैसा ही सभी अवकाशान्तरों के विषय में समझना चाहिए । [४] तनुवात के विषय में जैसा कहा है, वैसा ही सभी घनवात, घनोदधि, पृथ्वी, द्वीप, समुद्र और क्षेत्रों के विषय में जानना चाहिए।
भंते! तणुवाते किं गरुए, लहुए गरुयलहुए, अगरुयलहुए ?
5. [Q. 1] Bhante ! Is the seventh ring of rarefied air (tanuvaat) heavy (guru), light (laghu), guru-laghu (heavy-light) or aguru-laghu (nonheavy-non-light) ?
[Ans.] Gautam ! It is neither heavy (guru), nor light (laghu ), but guru-laghu (heavy-light) and not aguru-laghu (non-heavy-light). [2] The same is true for the seventh ring of dense air (ghanavaat), the seventh ring of frozen water (ghanodadhi) and the seventh hell (prithvi). [3] As has been said about seventh intervening space should also be read for all the intervening spaces. [4] As has been said about ring of rarefied air should also be read for all the rings of dense air, frozen water, hells continents (dveep), seas (samudra), and sub-continental areas (kshetra ).
६. [ प्र. १ ] नेरइया णं भंते ! गरुया जाव अगरुयलहुया ?
[उ. ] गोयमा ! नो गरुया,
नो लहुया, गरुयलहुया वि, अगरुयलहुया वि।
६. [ प्र. १ ] भगवन् ! नारक जीव गुरु हैं, लघु हैं, गुरु-लघु हैं या अगुरु-लघु हैं ?
[उ.] गौतम ! नारक जीव गुरु नहीं है, लघु नहीं, किन्तु गुरु-लघु हैं और अगुरु -लघु भी हैं।
6. [Q. 1] Bhante ! Are the infernal beings (naarak jivas) heavy (guru), light (laghu), guru-laghu (heavy-light) or aguru-laghu (non-heavy-nonlight) ?
[Ans.] Gautam ! They are neither heavy (guru), nor light (laghu), but guru-laghu (heavy-light) as well as aguru-laghu (non-heavy-light).
[प्र. २ ] से केणट्टेणं ?
प्रथम शतक : नवम उद्देशक
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First Shatak: Ninth Lesson
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