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________________ पिता और श्वसुर को लेकर महाबल अपनी राजधानी आया। एक सप्ताह का आनन्द उत्सव मनाया जाने लगा। 136 महाबल मलया सुन्दरी O VUTU TVUPL Jain Education International קשקט! DOUG | आचार्य के उद्बोधक प्रवचन सुनकर राजा सूरपाल और वीरधवल को वैराग्य हो गया। दोनों राजाओं ने अपने राज्य का भार महाबल को सौंपा और संयम स्वीकार कर तपाराधना करने चल पड़े। तीनों राज्यों को सम्भालते हुए महाबल ने भी न्याय-नीतिपूर्वक प्रजा पालन किया। 200 mmm तभी उद्यानपाल ने आकर सूचना दी महाराज ! उद्यान में भगवान पार्श्वनाथ के शिष्य आचार्य चन्द्रसेन सूरि पधारे हैं। चलो, सभी धर्म देशना सुनने चलें। अन्त में अपने पुत्र का राजतिलक कर मलया सुन्दरी के साथ दीक्षा ग्रहण कर आत्मा का कल्याण किया। -महाबल मलया सुन्दरी रास के आधार पर संक्षिप्त 32 For Private & Personal Use Only समाप्त www.jainelibrary.org
SR No.002857
Book TitleMahabal Malayasundari Diwakar Chitrakatha 059
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSanmatimuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size21 MB
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