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महाबल मलयासुन्दरी कुछ देर बाद मलया ने आँखें खोली। महाबल को | बाहर खड़े राजा को आवाजें सुनाई दी तो वह भीतर आगया। देखकरचकितस्वरमें बोली
मलया को बैठा देख प्रसन्नता से बोलास्वामी!
योगीराज! आपने मेरी राजन् ! सच कहो, क्या आप.....यहाँ!
प्रिय रानी को बचाकर बहुत | यह तुम्हारी विवाहित पत्नी उपकार किया है। बोलिए है? झूठ बोले तो देवी माता
आपकी क्या सेवा करूIतुम्हें अभी भस्म कर देगी। धीरे बोलो!
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कुछ देर दोनों ने आपबीती सुनाई।
यह सुनकर राजा डरता हुआ बोला
योगीराज ! मुझे यह अकेली जंगल में मिली। मैंने इसे आश्रय दिया। अब इसका जीवन सुखी करना चाहता हूँ।
फिर महाबल ने मलया पर झूठा आरोप लगाकर नगर से निकालने की पूरी घटना राजा को बताई। सुनकर राजा ने कहा
मुझे विश्वास नहीं होता। फिर भी आप कह रहे हैं तो मैं मान लेता हूँ। परन्तु आप पहले मेरे कुछ कार्य कर दीजिये, तब मैं आपकी बात पर विश्वास कर लूँगा।
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राजन् ! यह मेरी पत्नी है। मैंने आपका काम कर दिया। आप मुझे मेरी पत्नी और बच्चा लौटा दीजिए।
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