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________________ महाबल मलयासुन्दरी उसी समय एक ज्योतिषी राजसभा में आया। राजा ने उसे | फिर राजा ने कोतवाल को बुलाकर पूछासारी घटना बताई और उपाय पूछा। ज्योतिषी ने जन्त्री देखकर बताया सच-सच बताओ, NOVAT राजन् ! मलया अभी तुमने मलया का वध (O) संकट में है, परन्तु जीवित किया या नहीं? है। वह एक वर्ष बाद आपको मिल जायेगी। KONCINIG महाबल भी मलया की खोज में जोगी वेष बनाकर चन्द्रावती से निकलकर जंगलों की खाक छानता हुआ एक दिन तिलकपुर पहुंच गया। नगर में उद्योषणा होतीसुनी कोतवाल ने काँपते हुए कहा महाराज ! अपराध क्षमा हो। मुझे पक्का विश्वास था कि युवरानी निर्दोष हैं। माता सीता की तरह निष्कलंक और गंगा की तरह पवित्र हैं। मैंने उन्हें जंगल में जीवित ही छोड़ दिया था। ( Oe RATO राजा की रानी को जहरीले साँप ने काट लिया है। कोई यंत्र, मत्र, तंत्र का जानकार यदि उसे जीवित कर दे तो राजा उसे मुँह ॐ माँगी वस्तु देगा। मेरे पास अवसर्पिणी विद्या | है। रानी का विष उतारकर एक सदकार्य ही कर देता हूँ। एक अबला की सहायता ही कर देता हूँ। राजा सूरपाल ने तुरन्त सैनिकों को मलया सुन्दरी कीखोज में जंगल में भेज दिया। 26 Jain Education International For Private & Personal Use Only (www.jainelibrary.org
SR No.002857
Book TitleMahabal Malayasundari Diwakar Chitrakatha 059
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSanmatimuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size21 MB
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