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मुनि सोमचन्द्र ने पूछा
गुरुदेव ! क्या अब ज्ञान का वैसा प्रकाश नहीं मिल सकता?
कलिका
मिल सकता है,
परन्तु बहुत कठिन साधना चाहिए।
ज्ञान प्राप्ति के लिए तो पूरा जीवन ही समर्पित कर
सकता हूँ। फिर कश्मीर कितना 'है? दूर
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मुनि सोमचन्द्र कुछ देर तक गहरे विचार मन्थन के बाद मुनि सोमचन्द्र ने गुरुदेव से निवेदन कियाविचार करते रहे
वत्स ! मेरी कल्पना में तेरा उज्ज्वल भविष्य झलक रहा है। तेरे हाथों जिन शासन और श्रुत ज्ञान की अपार महिमा फैलेगी।
स
हेमचन्द्राचार्य
गुरुदेव, मुझे साधना का मार्ग बताइए। मैं ज्ञान के सागर में गोता लगाना चाहता हूँ।
# खंभात ही प्राचीन स्तंभन तीर्थ कहलाता है।
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गुरुदेव, श्रु सरस्वती की आराधना के लिए कश्मीर जाने की मेरी इच्छा है। आशीर्वाद प्रदान कीजिए।
गुरुदेव के बताये शुभ मुहूर्त में मुनि सोमचन्द्र एक अन्य सहायक मुनि के साथ कश्मीर यात्रा के लिए चल पड़ा। यात्रा करते हुए दोनों मुनि खंभात नगर आये। #
2756P760
वत्स ! कश्मीर में सरस्वती देवी का शक्तिपीठ है। वहाँ जाकर सरस्वती की आराधना की जाये तो तुम्हारा मनोरथ सफल हो सकता है।
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