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________________ फिर रामसभा में घोषणा की। neROGE कलिकाल सर्वज्ञः हेमचन्द्राचार्य आचार्य देव ने इस अद्भुत व्याकरण की रचना कर गुजरात के यश को अमर बना दिया है। गुजरात के सभी विद्यालयों में इस व्याकरण का अध्ययन होना चाहिए।' TAGRoy महाराज! इसके लिए पहले पण्डित तैयार होने चाहिए और ग्रन्थ की प्रतियाँ भी। राजा के आदेश से अनेक विद्वानों को व्याकरण पढ़ाया गया और ३00 आलेखकों को नियुक्त कर इसकी प्रतियाँ तैयार कराई गईं। HAREONI इस प्रकार एक सुन्दर और समग्र व्याकरण की रचना सम्पन्न हुई। सिद्भराज ने एक-एक प्रति अपने राज्य के प्रत्येक धर्म सम्प्रदाय के मुख्य धर्माचार्य को भेंट की और शेष भारत वर्ष में सर्वत्र भेजी। इतना ही नहीं; भारत के बाहर ईरान, लंका और नेपाल में भी प्रतियाँ भविष्य वाणी भेजी। गुजरश्वर सिद्धराम को कोई सन्तान नहीं थी। उसने अनेक तीर्थ यात्राएँ कीं। ज्योतिषियों को पूछा, यंत्र-मंत्र-तंत्र किये फिर भी उसकी मनोकामना पूर्ण नहीं हुई। एक दिन उसने आचार्य श्री हेमचन्द्र सूरि से अपनी मानसिक वेदना बताई गुरुदेव, मुझे पुत्र प्राप्ति होगी या नहीं; तथा मेरे बाद गुजरात का राजा कौन होगा? इस अनबूझ पहेली का समाधान कीजिए। Näin Education International For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002839
Book TitleHemchandracharya Diwakar Chitrakatha 040
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNityanandsuri, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages38
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size24 MB
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