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________________ ____प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर के प्रकाशनों की सूची 14. क्रमांक कृति नाम कल्पसूत्र सचित्र राजस्थान का जैन साहित्य प्राकृत स्वयं शिक्षक आगम तीर्थ स्मरण कला जैनागम दिग्दर्शन जैन कहानियाँ जाति स्मरण ज्ञान Half a Tale गणधरवाद 11. Jain Inscriptions of Rajasthan 12. Basic Mathematics 13. प्राकृत काव्य मंजरी महावीर का जीवन सन्देश 15. Jain Political Thought 16. Studies of Jainism जैन, बौद्ध और गीता का साधना मार्ग जैन, बौद्ध और गीता का समाज दर्शन 19-20. जैन, बौद्ध और गीता के आचार दर्शनों का तुलनात्मक अध्ययन 21. जैन कर्म-सिद्धान्त का तुलनात्मक अध्ययन हेम-प्राकृत व्याकरण शिक्षक आचारांग चयनिका 24. वाक्पतिराज की लोकानुभूति प्राकृत गद्य सोपान अपभ्रंश और हिन्दीनीलांजना चन्दनमूर्ति Astronomy and Cosmology Not Far From The River 31-32. उपमिति-भव-प्रपंच कथा 33. समणसुत्तं चयनिका मिले मन भीतर भगवान 35. जैन धर्म और दर्शन - 36. Jainism 37. दशवैकालिक चयनिका Rasaratna Samucchaya 39. नीतिवाक्यामृत (English also) सामायिक धर्म : एक पूर्ण योग गौतमरास : एक परिशीलन अष्टपाहुड चयनिका Ahimsa 44. वज्जालग्ग में जीवन मूल्य गीता चयनिका 46. ऋषिभाषित सूत्र (English also) 47-48. नाड़ी विज्ञान एवं नाड़ी प्रकाश 49. ऋषिभाषित : एक अध्ययन उववाइय सुत्तं (English also) 51. उत्तराध्ययन चयनिका समयसार चयनिका परमात्मप्रकाश एवं योगसार चयनिका Rishibhashit: A Study 55. अर्हत् वन्दना 56. राजस्थान में स्वामी विवेकानन्द, भाग 1 57. आनन्दघन चौबीसी 58. देवचन्द्र चौबीसी सानुवाद 59. सर्वज्ञ कथित परम सामायिक धर्म 60. दुःख-मुक्ति : सुख-प्राप्ति गाथा सप्तशती 62. त्रिषष्टिशलाका पुरुष चरित्र, भाग 1 63. Yogashastra 64. जिनभक्ति N000NON-ON AAAAAA00000000000OINNNNNNNNN लेखक/सम्पादक सं. म. विनयसागर सं. म. विनयसागर डॉ. प्रेमसुमन जैन डॉ. हरिराम आचार्य अ. मोहन मुनि डॉ. मुनि नगराज उ. महेन्द्र मुनि उ. महेन्द्र मुनि Dr. Mukund Lath म. विनयसागर Ramvallabh Somani Prof. L. C. Jain डॉ. प्रेमसुमन जैन काका कालेलकर Dr.G.C. Pandey Dr. T.G. Kalghatgi डॉ.सागरमल जैन डॉ. सागरमल जैन डॉ. सागरमल जैन डॉ. सागरमल जैन डॉ. उदयचन्द जैन डॉ. के. सी. सोगानी डॉ. के. सी. सोगानी डॉ.प्रेमसुमन जैन डॉ. देवेन्द्रकुमार जैन गणेश ललवानी गणेश ललवानी Prof. L. C. Jain David Ray सं. म. विनयसागर डॉ. के. सी. सोगानी विजयकलापूर्ण सूरि गणेश ललवानी D. D. Malvania डॉ. के.सी. सोगानी Dr. J.C. Sikdar डॉ. एस.के. गुप्ता विजयकलापूर्ण सूरि म. विनयसागर डॉ. के. सी. सोगानी Surendra Bothara डॉ.के.सी. सोगानी डॉ. के. सी. सोगानी सं.म. विनयसागर जे.सी. सिकदर डॉ. सागरमल जैन अ. गणेश ललवानी डॉ. के.सी. सोगानी डॉ. के.सी. सोगानी डॉ.के.सी.सोगानी Dr. Sagarmal Jain म.चन्द्रप्रभसागर पं. झाबरमल शर्मा भंवरलाल नाहटा अ.प्र. सज्जनश्री जी विजयकलापूर्ण सूरि कन्हैयालाल लोढा अ. डॉ. हरिराम आचार्य अ. गणेश ललवानी Ed. Surendra Bothara अ. भद्रंकरविजय गणि मूल्य 200.00 50.00 15.00 10.00 15.00 20.00 4.00 3.00 150.00 50.00 70.00 15.00 16.00 20.00 40.00 100.00 20.00 16.00 140.00 14.00 16.00 25.00 12.00 16.00 30.00 12.00 20.00 15.00 50.00 300.00 30.00 30.00 9.00 30.00 25.00 15.00 100.00 10.00 15.00 20.00 30.00 20.00 30.00 100.00 30.00 30.00 100.00 25.00 16.00 10.00 30.00 3.00 75.00 30.00 60.00 40.00 30.00 100.00 100.00 100.00 30.00 45. 50. 52. 53. 54. 61. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002829
Book TitleTrushna ka Jal Diwakar Chitrakatha 030
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadankunvar, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages38
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size22 MB
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