SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 23
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ भगवान नेमिनाथ हाथी को वापस जाता देख समुद्रविजय, श्रीकृष्ण आदि ने सामने आकर · महावत से पूछा क्या बात हुई? हाथी वापस क्यों जा रहा है ? Cho समुद्रविजय आदि ने नेमिकुमार को बहुत रोका। कुमार ! आप जैसा कहेंगे वैसा ही हम करेंगे, बिना विवाह किये तोरण से मत लौटिए. MAS WARD AM POS तब श्रीकृष्ण ने समुद्रविजय आदि को समझाया महाराज ! नेमिकुमार कोई साधारण पुरुष नहीं हैं, वे इस युग के पुरुषोत्तम हैं। ये जो कर रहे हैं। वह सबके कल्याण के लिए होगा। आप चिन्तित न हों.. BOULE Mus "F2.6" Jain Education International होमलाई AZIRECTER ww ww Chapt 19 Ell For Private & Personal Use Only Curie JILA तात ! भ्रात ! जिस विवाह के निमित्त इतने मूक प्राणियों की हिंसा हो रही है, मुझे ऐसा विवाह नहीं करना है विवाह मण्डप से लौटकर नेमिकुमार द्वारिका वापस आ गये। मन में निश्चय किया। संसार को करुणा और दया का मार्ग बताने के लिए मुझे अब दीक्षा ग्रहण करना चाहिए। तात ! शुभ संकल्प से हटना कायर पुरुषों का काम है। मैंने विवाह न करने का निश्चय ही नहीं, बल्कि संसार त्यागने का भी निश्चय कर लिया है। अब आप मुझे मत रोकिए... TATAN CONN www.jainelibrary.org
SR No.002819
Book TitleBhagvana Neminath Diwakar Chitrakatha 020
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandravijay, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy