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________________ युवायोगी जम्बूकुमार धारिणी यह खुश खबरी लेकर अपनी वृद्ध सास को प्रणाम करने गई, तो उसने आशीर्वाद देते हुए कहा बहू ! जम्बू वृक्ष का स्वप्न बहुत ही दुर्लभ स्वप्न है और यह महान सौभाग्य का सूचक है ! ध्यान रखना, माता के भोजन आदि का प्रभाव जैसे सन्तान के शरीर पर पड़ता है, वैसे ही माता के आचार-विचार का प्रभाव भी उसके संस्कारों पर पड़ता है। MAHARASDD AB.LOODOAAD Vा ZONY/DYO समय पर धारिणी ने एक तेजस्वी पुत्र को जन्म दिया। पुत्र का जन्मोत्सव मनाने के लिए सेठ ने विशाल प्रीतिभोज का आयोजन किया। गरीबों को खूब दान दिया। असहायों को सहायता दी। फिर स्वजन मित्रों के समक्ष घोषणा करते हुए कहा-THREEFET पसेठानी धारिणी ने स्वप्न में जम्बू वृक्ष देखा था, इसलिए हम पुत्र का नाम जम्बूकुमार रखना चाहते हैं। (उत्तंम! अति उत्तम! KeXOXOXO स्वजन मित्रों ने उल्लास प्रकट करके सेठ की घोषणा का स्वागत किया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002814
Book TitleYuvayogi Jambukumar Diwakar Chitrakatha 015
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajendramuni, Shreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year
Total Pages38
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Children, & Story
File Size25 MB
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