________________
पत्नी (बन्दरिया) ने टोका
प्रिय ! ऐसा मत करो। सुन्दर मानवदेह मिल गई, बहुत है। इसी में सुख-सन्तोष मानो, अधिक लोभ करना बुरा होता है।
युवायोगी जम्बूकुमार
बन्दर ने दुबारा छलाँग लगा दी। डुबकी लगाते ही वापस बन्दर बन गया। उसने फिर बार-बार छलाँग लगाई, परन्तु वापस मनुष्य नहीं बन सका। अब वह सिर पीट-पीटकर रोने लगा।
यह मैंने क्या कर दिया।
Jain Education International
बन्दर के मन में देव बनने का लालच छूट रहा था, वह बोला
तुम मूर्ख हो, अधिक से अधिक के लिए प्रयत्न करते रहना ही समझदारी है।
WWW
उसी समय जंगल में शिकार करने एक राजा आया। उसने तालाब पर खड़ी सुन्दरी को देखा।
वाह क्या रूप-यौवन है ? इसे ले चलो, हम अपनी महारानी बनायेंगे....
23
For Private & Personal Use Only
-
/м
Posta
www.jainelibrary.org