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युवायोगी जम्बूकुमार
दूसरे दिन सेठ ऋषभदत्त के घर आठ कन्याओं के सम्बन्ध पक्का करने, मिठाईयाँ व वस्त्राभूषण लेकर उनके माता-पिता पहुँच गये। एक ही शुभमुहूर्त में आठ कन्याओं के साथ जम्बूकुमार का पाणिग्रहण संस्कार धूमधाम से सम्पन्न हो गया।
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सेठ ऋषभदत्त ने जम्बू कुमार के लिए विशेष रूप से सात मंजिला सुन्दर महल बनवाया।
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वाह भई वाह ! ऐसा समारोह तो नगर में पहली बार देखा है।
महल के कक्ष में मधुर संगीत के स्वर गूंज रहे थे। सुगन्धित फूलों की महक से समूचा वातावरण मादक बन रहा था।
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रूपवती नव-यौवना रमणियों की नुपूर की झंकार मंद हँसी और मधुर बोलियों से महल का वातावरण और भी मोहक और कामोत्तेजक बना हुआ था।
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